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Intresting Fact: गुलाब जामुन में न तो 'गुलाब' है और न ही 'जामुन'... फिर किस बात का 'गुलाब जामुन'?
Gulab Jamun: ये मिठाई पर्शिया से आई है. पर्शिया में गुलाब जामुन की तरह ही एक और मिठाई बनाई जाती है, जिसका नाम लोकमत अल-कादी है.आइए जानते हैं इसका नाम गुलाब जामुन क्यों पड़ा?
![Intresting Fact: गुलाब जामुन में न तो 'गुलाब' है और न ही 'जामुन'... फिर किस बात का 'गुलाब जामुन'? Gulab jamun name fact gulwb jamun sweet fact Intresting Fact: गुलाब जामुन में न तो 'गुलाब' है और न ही 'जामुन'... फिर किस बात का 'गुलाब जामुन'?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/24/46ea902f9dc350ed679f04562af232ce1671883211127580_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Gulab Jamun Name Fact: दुनिया में बहुत सारे लोग खाने के शौकीन होते हैं और कुछ खाने की चीजें फेमस होती हैं. ऐसी ही एक मिठाई भी अपने देश में बहुत फेमस है, जिसका नाम है गुलाब जामुन. कोई अगर पहली बार इस नाम को सुनेगा तो उसके दिमाग में यही आएगा कि शायद इसे गुलाब और जामुन से मिलाकर बनाया जाता होगा इसलिए इसका नाम गुलाब जामुन है. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं होता है. इसमें न तो गुलाब होता है और न ही जामुन. अब सवाल यह बनता है कि अगर इसका गुलाब और जामुन से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है तो फिर इसका नाम गुलाब जामुन क्यों रखा गया? आइए जानते हैं गुलाब जामुन के नाम की दिलचस्प कहानी...
पर्शिया से आई है ये मिठाई
दरअसल, ये मिठाई पर्शिया से आई है. पर्शिया में गुलाब जामुन की तरह ही एक और मिठाई बनाई जाती है, जिसका नाम लोकमत अल-कादी है. इस मिठाई का नाम गुलाब जामुन रखने की सटीक वजह इतिहास में मिलती है.
कैसे पड़ा गुलाब जामुन नाम?
गुलाब शब्द दो शब्दों 'गुल' और 'आब' से मिलकर बना है. गुल मतलब की फूल और आब मतलब के पानी है. इसका अर्थ खुशबू वाला मीठा पानी होता है. गुलाब जामुन बनाने के लिए भी जब चाशनी को तैयार किया जाता है तो उसमें से खुशबू आती है और वह मीठी होती है. जिस वजह से उसे गुलाब कहा जाता है. वहीं दूसरी तरफ दूध से तैयार हुए खोये से गोलियां बनती हैं. गोलियों को गहरा रंग देने के लिए इन्हे तला जाता है. जिसकी तुलना जामुन से की गई है. इस तरह से इस मिठाई का नाम गुलाब जामुन पड़ा.
इसको लेकर है कई थ्योरीज
एक थ्योरी कहती है कि गुलाब जामुन को मध्ययुग में पहली बार ईरान में बनाया गया था. बाद में तुर्की के लोग इसे भारत लेकर आए थे. एक दूसरी थ्योरी का कहना है कि एक बार मुगल सम्राट शाहजहां के बावर्ची से यह गलती से तैयार हो गई थी. लेकिन, उस समय इसे काफी पसंद किया गया था. जिसके बाद धीरे-धीरे यह भारत के हर राज्य में फेमस हो गई और बाद में मिठाइयों में इसने अपनी एक मजबूत जगह बना ली.
गुलाब जामुन के हैं अलग-अलग नाम
अरब देशों में खाई जाने वाली मिठाई लुकमात अल-कादी और गुलाब जामुन में कई समानताएं देखने को मिलती हैं. हालांकि, इसे बनाने का तरीका थोड़ा अलग होता है. खानपान के इतिहास की जानकारी रखने वाले इतिहासविद् माइकल कोंडल कहते थे कि लुकमात अल-कादी और गुलाब जामुन दोनों पर्शियन डिश से उत्पन्न हुई हैं. दोनों मिठाइयों का कनेक्शन चाशनी से है. दूध के खोये से तैयार होने वाली इस मिठाई को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. पश्चिम बंगाल में इसे पंटुआ, गोलप जैम और कालो जैम कहा जाता है. मध्य प्रदेश का जबलपुर गुलाब जामुन के लिए काफी फेमस है.
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