राम की नगरी अयोध्या सजकर तैयार हो चुकी है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए इसी महीने की 22 तारीख तय है. इस ऐतिहासिक दिन अयोध्यावासी गुलाल उड़ाकर जश्न मनाने के लिए तैयार हैं. खास अयोध्या के लिए हाथरस के गुलाल और चंदन पाउडर की भारी डिमांड है.


करीब 550 सालों के एक लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम अपने स्थान पर विराजमान होने वाले हैं. इस साल अयोध्या में गुलालों की होली भी बहुत भव्य होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के त्योहार समेत पूजा,जश्न, शोभायात्रा में उड़ने वाले गुलाल कैसे बनते हैं. आइए आज हम आपको बताएंगे कि ये गुलाल कैसे बनता है.


कैसे बनता है गुलाल ?


जानकारी के लिए बता दें कि गुलाल अरारोट के पाउडर से बनता है. अरारोट के अंदर रंग मिलाकर एक प्रोसेस के जरिए निकाला जाता है. जैसे सफेद कलर के आरारोट के पाउडर में (नॉर्मल ड्राइंग के रंग) रंग मिलाया जाता है. इसके बाद मशीन के जरिए इसकी पिसाई की जाती है. पिसाई की वजह से रंग पाउडर में मिक्स हो जाता है और इसकी सॉफ्टनेस भी बढ़ जाती है. इसके बाद इसमें सेंट का भी प्रयोग किया जाता है. सेंट के कारण गुलाल से एक अच्छी खुशबू आती है.


हर्बल गुलाल


बाजार में बीते कुछ सालों से हर्बल गुलाल भी खूब चलन में है. हर्बल गुलाल को लोग घरों में बनाकर बाजार तक पहुंचा रहे हैं. इन गुलाल को बनाने के लिए घरों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का उपयोग किया जाता है. जैसे हल्दी, सिंदूर, सब्जियां, फूल आदि.


गुलाल खरीदने में सावधानी


बाजार से गुलाल खरीदने में हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए. कई बार मार्केट में दुकानदार केमिकल से बने गुलाल बेचते हैं. ऐसे गुलाल शरीर और खासकर त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए गुलाल खरीदने के समय से जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि वो गुलाल या तो हर्बल हो या अरारोट का बना हुआ. केमिकल वाले गुलाल से दूरी बनानी चाहिए. हालांकि सरकार भी केमिकल वाले गुलालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करती है.


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