आज भी भारत की आधी से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है. जहां हर तरफ अलग-अलग तरह के पौधे, घास और जंगली झाड़ियां पाई जाती हैं. हालांकि, शहरों में भी कई बार हम गलती से कुछ ऐसे पौधे अपने गमले में लगा लेते हैं जो देखने में तो खूबसूरत होते हैं, लेकिन असलियत में वह बेहद खतरनाक होते हैं. बीते दिनों ही सर गंगा राम अस्पताल में एक मरीज आया, यह मरीज एक 7 वर्षीय बच्चा था, जो मध्य प्रदेश का रहने वाला था. बच्चे के दिमाग में सूजन थी और उसे खूनी दस्त हो रहा था.
पूरे लक्षण ऐसे थे जैसे शरीर में जहर फैल गया हो. डॉक्टरों ने जब गंभीरता से इसकी जांच की तो पता चला कि बच्चे के शरीर में एब्रिन नाम का जहर है. यह जहर अब्रस प्रीटोरियस नाम के पौधे के बीज से मिलता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि इस पौधे का जहर इतना खतरनाक होता है कि अगर मरीज को सही समय पर इलाज न मिले तो उसकी मौत हो सकती है.
इस पौधे को छूना मना है
अब्रस प्रीटोरियस पौधे के बारे में कहा जाता है कि इसका जहर किसी जहरीले सांप से भी ज्यादा होता है और अगर एक बार यह आपके शरीर में प्रवेश कर गया तो इसका तोड़ निकाल ना लगभग नामुमकिन हो जाता है. इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इस पौधे से जितनी हो सके उतनी दूरी बनाकर रहनी चाहिए.
दिखने में सुर्ख लाल नारंगी रंग के बीज वाला यह पौधा भारत के कई इलाकों में मिलता है. हो सकता है आपके घर के आसपास भी हो. इसलिए अगर यह दिखे तो उसे बिना छुए जमीन से उखाड़ कर कायदे से दफन कर दें. या हो सके तो किसी वन विशेषज्ञ से इस पर सलाह लें.
शरीर के अंदर पहुंचकर क्या करता है अब्रस प्रीटोरियस
अब्रस प्रीटोरियस का जहर जैसे ही किसी व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है ये कोशिकाओं को अंदर से बीमार करने लगता है और तेजी से कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने से रोकने लगता है. जैसे ही शरीर में प्रोटीन बनना बंद होता है कोशिकाएं मरने लगती हैं और धीरे-धीरे व्यक्ति की मौत हो जाती है. यह पौधा इतना खतरनाक है कि इसके बीज से लेकर पत्ति, तना और जड़ तक सब खतरनाक होते हैं.
अब्रस प्रीटोरियस के कुछ फायदे भी हैं
सांप का जहर भले ही खतरनाक होता है, लेकिन उससे कई प्रकार की दवाइयां भी बनाई जाती हैं. इसी तरह अब्रस प्रीटोरियस का पौधा भले ही जहरीला और खतरनाक होता है, लेकिन इसमें कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. इस पौधे को आम भाषा में गुंजा या रत्ती का पौधा भी कहते हैं. इसके अर्क में एंटी कैंसर और एंटीट्यूमर के गुण पाए जाते हैं.
इसके साथ ही अगर चिकित्सकीय सलाह के अनुसार एक सीमित मात्रा में इस पौधे को किसी कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को दिया जाए तो उसके शरीर में कैंसर कोशिकाएं नहीं बढ़ने पाती हैं. लाल और काले रंग का दिखने वाला यह पौधा आपके स्पर्म काउंट को भी बढ़ाता है. हालांकि, भूल कर भी इसका इस्तेमाल बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के ना करें. क्योंकि इसमें इतना जहर होता है कि आपकी जरा सी गलती आपके लिए जानलेवा बन सकती है.
ये भी पढ़ें: 'कान के बाल ने किया कमाल', जानिए भारतीय नागरिक विक्टर ने कैसे बनाया ये अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड