Haj Yatra On Foot: इस्लाम धर्म में हज यात्रा का बेहद महत्व होता है. दुनिया के तमाम मुस्लिम हज यात्रा करने के लिए सऊदी अरब जाते हैं. भारत से भी हर साल लाखों की तादाद में लोग हज यात्रा पर जाते हैं. इस्लाम धर्म है यह पवित्र यात्रा होती है.  सऊदी अरब के शहर मक्का मदीना में हर साल तकरीबन 50 लाख के करीब हज यात्री आते हैं.


मक्का में मौजूद कब इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. पिछले कई सालों की बात की जाए तो लोगों ने पैदल भी हज यात्रा की है. वहीं भारत से भी कई लोगों ने पैदल हज यात्रा की है.  पिछले साल केरल के शिहाब ने पैदल हज यात्रा की थी. तो वहीं अब बिहार के सुल्तान जा रहे हैं. चलिए जानते हैं भारत से पैदल हज यात्रा करने में कितना समय लगता है. 


भारत से पैदल हज यात्रा में लगते हैं इतने दिन 


अक्सर बहुत से लोग धार्मिक स्थलों पर पैदल यात्रा करते हैं. इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र होती है हज यात्रा. बहुत से लोग इस यात्रा के लिए पैदल जाते हैं. बिहार के मोतिहारी से इस साल सुल्तान बेग पैदल हज यात्रा के लिए निकले हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों के हिसाब से मक्का मदीना की दूरी अलग है. बिहार से मक्का मदीना की कुल दूरी की बात की जाए तो वह 6798 किलोमीटर है. एक व्यक्ति सामान्य तौर पर एक दिन में 40 से 50 किलोमीटर चलता है. वहीं अगर शाम और रात का समय हो तो वह 60 से 70 किलोमीटर तक चल सकता है.


6798 किलोमीटर को अगर आप आप एक दिन के 50 किलोमीटर के हिसाब से बांटते हैं. तो तकरीबन 136 दिन होते हैं. यह हमने आपको लगातार चलते रहने के बाद का कैलकुलेशन बताया है. लेकिन यात्रा में कई दिन ऐसे भी आते हैं जहां  यात्री 1 किलोमीटर भी सफल नहीं कर पाते. सुल्तान बाघा बॉर्डर से होकर पाकिस्तान जाएंगे इसके बाद वह ईरान इराक कुवैत होते हुए सऊदी अरब पहुंचेंगे. इस यात्रा को पूरी करने के लिए उन्हें लगभग 1 साल का समय लग सकता है. 


केरल के शिहाब को लगे थे 370 दिन 


जून 2022 में केरल से शिहाब नाम के युवक ने पैदल हज यात्रा करना शुरू किया था इस दौरान पांच देशों से होते हुए सिहोब ने लगभग 8600 किलोमीटर का सफर तय किया था. क्योंकि शिहाब वीजा लेकर नहीं गए थे. इसीलिए उन्हें ट्रांसिट वीजा के लिए पाकिस्तान पहुंचने के बाद कई महीनो तक एक स्कूल में ठहरना पड़ा था. इस कारण उन्हें काफी समय लगा. 


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