इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. पूरी दुनिया की इस पर नजर है. भारत भी इस युद्ध पर अपनी नजर बनाए हुए है. 7 अक्टूबर को हमास के लड़कों द्वारा इजरायल पर किए गए बर्बरता पूर्ण हमले का विरोध भारत ने भी जताया था. खुद पीएम मोदी ने इसकी निंदा की थी और इसे एक आतंकी हमला करार दिया था. हालांकि, भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर इसके बाद भी अभी तक हमास को आतंकी संगठन घोषित नहीं किया गया है. ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर भारत सरकार द्वारा किसी ऑर्गेनाइजेशन को आतंकी संगठन घोषित करना कितना कठिन है. चलिए आज आपको इसी का जवाब देते हैं.


कितने देश हमास को आतंकी संगठन मानते हैं?


गाजा पट्टी पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने वाला हमास 1987 में अस्तित्व में आया था. इजरायल के खिलाफ खड़ा हुआ ये संगठन आज कई देशों के लिए आतंकी संगठन बन गया है. इजरायल, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन  और यहां तक कि कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी हमास को आतंकी संगठन घोषित कर चुका है. हालांकि, भारत आधिकारिक रूप से अभी तक इस आतंकी संगठन नहीं मानता और इजरायल इसी की मांग कर रहा है.


क्या कह रहा है इजरायल


भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन पत्रकारों से बात करते हुए कहते हैं, 'पीएम मोदी उन शुरुआती वैश्विक नेताओं में से एक थे, जिन्होंने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की. भारत इजरायल का एक करीबी सहयोगी है और जब बात आतंकवाद की आती है, तो भारत खुद को इसका पीड़ित पाता है. ऐसे में वो इसकी गंभीरता समझता है. इसलिए यही समय है कि भारत हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषित करे.' जबकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची इसे एक कानूनी मसला मानते हैं वो कहते हैं कि हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल में जो किया वो हर तरह से आतंकी हमला था. लेकिन हमास को आतंकी संगठन घोषित करना एक कानूनी मामला है.


किसी ऑर्गेनाइजेशन को कैसे आतंकी संगठन घोषित करता है भारत 


बीबीसी के मुताबिक, अगर किसी संगठन को आतंकी संगठन घोषित करना है तो इसके दो तरीके हैं. पहला तरीका है घरेलू स्तर पर पॉलिसी बना कर, हर तरह के तथ्यों और वजहों को बताते हुए भारत सरकार किसी संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है. जैसे भारत ने हाल ही में टीआरएफ को एक आतंकी संगठन घोषित किया था. इसके लिए सरकार ने यूएपीए का सहारा लिया था. गृहमंत्रालय ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित करते हुए एक नॉटिफिकेशन जारी किया था और बताया था कि ये संगठन काफी समय से भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार था. जबकि, अगर किसी संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी संगठन घोषित करना है तो इसके लिए भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र का सहारा लेना होता है.


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