Happy New Year 2023: 1 जनवरी को पूरी दुनिया नया साल मनाती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि नया साल सिर्फ 1 जनवरी को ही होता है. विश्व भर में अलग-अलग जगहों पर नया वर्ष अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है. यहां तक कि अलग-अलग धर्म और संप्रदाय भी नए वर्ष को अपने हिसाब से अलग-अलग तिथियों को मनाते हैं. इन सब में हिंदू नव वर्ष की मान्यता सबसे ज्यादा है. क्योंकि हिंदू नव वर्ष वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी नए वर्ष की तरह प्रतीत होता है. दरअसल, जब हिंदू अपना नववर्ष मनाता है तब पूरा पर्यावरण पूरी प्रकृति नए स्वरूप में निखर रही होती है. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि साल 2023 में हिंदू नव वर्ष कब पड़ रहा है.


कब मनाया जाता है हिंदू नव वर्ष


सनातन धर्म के अनुसार हिंदू नव वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. यह ऐसा समय होता है जब पूरी पृथ्वी नए रूप में निखर रही होती है. सही मायने में कहें तो यह वही समय होता है जब पतझड़ के बाद पेड़ पौधे बसंत ऋतु में प्रवेश कर रहे होते हैं और उनके सूखे पत्तों की जगह नए-नए हरे-भरे पत्ते उग रहे होते हैं. हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था. यही वजह है कि सनातन धर्म में हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही नव वर्ष मनाया जाता है.


2023 में किस तारीख को पड़ रहा है हिंदू नव वर्ष


साल 2023 में हिंदू नव वर्ष 22 मार्च 2023 के दिन पड़ रहा है. यानी हिंदू पंचांग के अनुसार 22 मार्च को चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. भारत में इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग पूरे धूमधाम से अपना नववर्ष मनाते हैं. इस दिन सुबह उठते ही घर में पूरा भक्ति में माहौल रहता है और दिन की शुरुआत पूजा-पाठ से होती है.


भारत में कई मान्यताएं


जिस तरह से हिंदू अपना नव वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं, उसी तरह भारत में रहने वाले अन्य धर्मों के लोग भी अपने अपने हिसाब से अपना नववर्ष मनाते हैं. पंजाबियों के लिए नए वर्ष की शुरुआत बैसाखी के दिन होती है, जो साल 2023 में 13 अप्रैल को पड़ेगा. हालांकि, नानकशाही कैलेंडर के हिसाब से देखें तो इनके लिए होला मोहल्ला नया साल होता है और यह 14 मार्च को पड़ेगा.


कश्मीरी पंडित नवरेह के दिन अपना नववर्ष मानते हैं साल 2023 में यह 19 मार्च को पड़ेगा. मारवाड़ी अपना नव वर्ष दीपावली के दिन मनाते हैं, जबकि गुजरात के लोग अपना नव वर्ष दीपावली के दूसरे दिन मनाते हैं. बंगाली लोग पोहेला बैसाखी के दिन से अपना नया वर्ष मानते हैं. वहीं मराठी लोग गुड़ी पड़वा के दिन से अपना नया वर्ष मनाते हैं.


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