खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की वजह से भारत और कनाडा के बीच रिश्ते अब बिगड़ते ही जा रहे हैं. ये सब शुरू हुआ पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस बयान से जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट शामिल थे.
इसके बाद अब अमेरिका के न्याय विभाग ने इस हत्या की साज़िश रचने के मामले में कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी कर्मचारी विकास यादव पर आरोप तय कर दिए हैं. इसकी वजह से विवाद और भी ज्यादा बढ़ गया है. सोशल मीडिया पर लोग बात कर रहे हैं कि अगर चीजें इसी तरह से बिगड़ती रहीं तो हो सकता है कि भविष्य में कनाडा से भारत के रिश्ते ही खत्म हो जाएं. चलिए अब जानते हैं कि जब दो देशों के बीच रिश्ते खत्म हो जाते हैं तो क्या-क्या चीजें बंद हो जाती हैं.
पहले राजनैतिक संबंधों पर असर पड़ता है
जब दो देशों के बीच रिश्ते खत्म होते हैं तो सबसे पहले उनके राजनैतिक संबंधों पर असर पड़ता है. ऐसे में दोनों देशों में मौजूद एक-दूसरे के दूतावासों को बंद कर दिया जाता है. इसकी वजह से कांसुलर सेवाएं बंद हो जाती हैं, जिससे नागरिकों को वीजा, पासपोर्ट और अन्य कांसुलर सहायता प्राप्त करने में मुश्किल होती है. इसके अलावा इसकी वजह से दो देशों के बीच उच्च स्तर के राजनीतिक संवाद भी खत्म हो जाते हैं.
आर्थिक संबंधों पर असर
दो देशों के बीच जब संबंध खत्म होते हैं तो राजनैतिक संबंधों के अलावा आर्थिक संबंधों पर भी असर पड़ता है. इसकी वजह से व्यापारिक गतिविधियों में कमी आ जाती है और आयात-निर्यात बंद हो जाते हैं. ऐसा होना उन उद्योगों को प्रभावित करता है जो एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं.
नीवेश और समझौते
दो देशों के बीच संबंध खत्म होने की वजह से विदेशी निवेश भी प्रभावित होता है. दरअसल, जब एक देश का दूसरे देश से संबंध खत्म हो जाता है तो दोनों देशों की कंपनियां अपनी पूंजी को उस देश में निवेश नहीं करना चाहतीं जहां राजनीतिक स्थिरता नहीं है. इसके अलावा दो देशों के बीच संबंध खत्म होने की वजह से आर्थिक सहयोग के तहत हुए समझौते भी प्रभावी नहीं रहते. लंबे समय तक ऐसा होने से दोनों देशों के लिए आर्थिक विकास की संभावनाएं भी घट जाती हैं.
सुरक्षा और सामरिक संबंध भी प्रभावित होते हैं
जब दो देशों के बीच संबंध खत्म होते हैं तो उनके बीच सुरक्षा संबंध भी खत्म हो जाते हैं. इससे सामरिक सहयोग में भी कमी आती है. यानी इससे संयुक्त सैन्य अभ्यास, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान और आतंकवाद के खिलाफ एक जुट होकर चलने वाली लड़ाई में सहयोग...सब कुछ प्रभावित होता है. वहीं अगर संबंध खत्म करने वाला देश आपका पड़ोसी हो तो सीमा विवाद भी बढ़ जाता है. ऐसे में सीमा पर तनाव बना रहता है जो किसी भी समय संघर्ष का कारण बन सकता है. इसके अलावा सांस्कृतिक संबंध और शैक्षिक सहयोग भी दो देशों के बीच संबंध खत्म होने से प्रभावित होते हैं. ये मुद्दे आम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.
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