Interesting Fact: रात में क्यों नहीं सोना चाहिए पेड़ के नीचे? इसका सही जवाब समझेंगे तो फायदे में रहेंगे
Why Not Sleep Under The Tree At Night: रात के समय पेड़ों द्वारा कार्बन-डाइ-ऑक्साइड निकाला जाता है और ऑक्सीजन को ग्रहण किया जाता है. इस वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है.
Why Harmful To Sleep Under The Tree At Night: धरती पर जीवन की कल्पना बिना पेड़-पौधों के नहीं कर सकते हैं. पेड़ न सिर्फ हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि प्रदूषण और शोर से भी बचाते हैं. गर्मी के मौसम में तेज चिलचिलाती धूप में चलते हुए पेड़ की छांव मिल जाए तो कोई भी एक पल के लिए ठहर जाता है. बहुत से लोग पेड़ के नीचे सो भी जाते हैं.
हालांकि, क्या आपने यह बात सुनी है कि पेड़ के नीचे रात को नहीं सोना चाहिए. इसको लेकर तमाम अंधविश्वास और कहानियां चलती हैं, लेकिन इसका असल कारण क्या है हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे-
रात में क्यों नहीं सोना चाहिए पेड़ के नीचे-
गांव में दिन के समय पेड़ के नीचे बैठकर लोग बड़ी-बड़ी चर्चाएं करते हैं. पेड़ के नीचे ये चर्चाएं ऐसे होती हैं, जैसे गोलमेज सम्मेलन हो रहा हो. हालांकि लोग रात के समय पेड़ के नीचे न बैठने की हिदायत देते हैं. यह बात सभी जानते हैं कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन हमें पेड़ों से ही मिलती है और पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं.
हालांकि पेड़ों द्वारा दिन के समय ऑक्सीजन निकालने और कार्बन डाइऑक्साइड सोखने की प्रक्रिया चलती रहती है, लेकिन रात के समय अधिकतर पेड़ों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड निकाला जाता है और ऑक्सीजन को ग्रहण किया जाता है. यही कारण है कि रात के समय पेड़ के नीचे न सोने की हिदायत दी जाती है.
कैसे सांस लेते हैं पेड़ -
पेड़ सांस लेने के लिए अपनी पत्तियों में मौजूद बहुत ही छोटे छेदों का प्रयोग करते हैं. क्योंकि पेड़ों के पास सांस लेने के लिए इंसान की तरह कोई श्वसन अंग नहीं पाया जाता है. पेड़ों में पाए जाने वाले इन छेदों को स्टोमेटा कहते हैं. पेड़ सूर्य के प्रकाश से अपना भोजन बनाते हैं. इसे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कहते हैं.
इस प्रक्रिया में पेड़-पौधे सूर्य की रोशनी से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर और जड़ों के द्वारा पत्तों तक भेजे गए पानी को ग्लूकोज और ऑक्सीजन में बदल देते हैं. यही ऑक्सीजन पेड़ों द्वारा वातावरण में निकाल दिया जाता है और ग्लूकोज का प्रयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है. इस तरह पेड़ों में लगातार सांस लेने की प्रिक्रिया चलती रहती है.
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