Harvest Moon 2023: कल होगा साल का आखिरी सुपरमून, इस वजह से दुनिया भर के साइंटिस्ट की होगी नजर
Harvest Moon 2023: साल का आखिरी सुपरमून 29 सितंबर को दिखाई देने वाला है. इस बार उसे पूरी दुनिया देखेगी, खास कर साइंटिस्ट. आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं.
Harvest Moon 2023: साल का आखिरी सुपरमून 29 सितंबर 2023 को दिखने वाला है. हार्वेस्ट मून जो उत्तरी गोलार्ध में है. यह ज्यादातर हर साल सितंबर के अंत में उगता है. हालांकि, हर हार्वेस्ट मून सुपरमून नहीं होता है. हार्वेस्ट मून को कॉर्न मून के नाम से भी जाना जाता है. 4 जुलाई को फुल बक मून और अगस्त में दो सुपरमून के बाद, हार्वेस्ट मून 2023 का चौथा सुपरमून होगा, जिनमें से एक स्टर्जन मून था, और दूसरा फुल ब्लू मून था. इस साल हार्वेस्ट मून एक सुपरमून होगा, क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी की परिधि के निकट होगा, या पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा में निकटतम बिंदु होगा. परिणामस्वरूप, चंद्रमा सामान्य से अधिक चमकीला और पूर्ण दिखाई देगा.
भारत में ये होगी टाइमिंग
Timeanddate.com के मुताबिक, भारत में हार्वेस्ट मून 29 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 3:27 बजे दिखेगा. पुराने किसान पंचांग के अनुसार, हर साल, हार्वेस्ट मून किसानों को चांदनी की अतिरिक्त शाम देता है और उन्हें सर्दी शुरू होने से पहले अपनी फसल खत्म करने की अनुमति देता है. हार्वेस्ट मून नाम इस महीने से नहीं जुड़ा है, बल्कि उस पूर्णिमा से जुड़ा है जो सितंबर विषुव के सबसे करीब उगता है. यदि सितंबर विषुव के निकटतम पूर्ण चंद्रमा अक्टूबर में उगता है, तो उसे हार्वेस्ट मून कहा जाएगा. हार्वेस्ट मून को कॉर्न मून के रूप में भी जाना जाता है, इसका कारण यह है कि यह वर्ष का वह समय है जब उत्तरी संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में मक्के की कटाई की जाती है.
हार्वेस्ट मून इस बार का इतना खास क्यों?
उत्तरी गोलार्ध में हार्वेस्ट मून के आसपास के समय लोगों को ऐसा महसूस हो सकता है मानो एक पंक्ति में कई पूर्ण चंद्रमा उग आए हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान उत्तरी गोलार्ध में लगातार दो चंद्रोदय के समय के बीच का अंतर 50 मिनट से कम होता है. इसके वजह से लोगों को ऐसा महसूस हो सकता है मानो एक पंक्ति में कई पूर्ण चंद्रमा घटित हुए हों. यही चीज़ हार्वेस्ट मून को अद्वितीय बनाती है. हार्वेस्ट मून के साथ-साथ लोग रात के आकाश में बुध, बृहस्पति और शनि को भी देख सकेंगे. इसे कई वैज्ञानिक भी देखेंगे.
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