कब कोई दंगा भड़क जाए, इसका पता नहीं होता, जिसका ताजा उदाहरण है हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में हुई हिंसक घटनाएं. दंगे की शुरुआत किसी भी वजह से होती है, लेकिन उसके अंत की तस्वीर लगभग एक जैसी ही होती है. जैसे हर तरफ आगजनी के अवशेष, आग की वजह से काले हुए घर, सड़क किनारे खड़ी जली हुई गाड़ियां और एक डरावनी शांति. सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को होता है, जिनकी गाड़ियां सड़क के किनारे खड़ी होती है और उन्हें आग के हवाले कर दिया जाता है या फिर उनमें तोड़फोड़ कर दी जाती है. ऐसे में सवाल है कि आखिर दंगों में जिन लोगों की गाड़ियों को नुकसान होता है, उन्हें इंश्योरेंस से क्लेम मिलता है या नहीं.


तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर दंगों को लेकर इंश्योरेंस का नियम क्या कहता है. साथ ही बताते हैं कि इस स्थिति में किन लोगों को इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम मिलता है और इसे लेकर क्या नियम हैं ताकि दुर्भाग्यवश कभी आपके साथ होता है तो आप इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम ले सकें.


क्या इंश्योरेंस कंपनी से मिलता है क्लेम?


सीधे शब्दों में समझें तो दंगे में अगर कार या बाइक को नुकसान होता है तो इंश्योरेंस कंपनी से इसे लेकर क्लेम लिया जा सकता है. हालांकि, उससे जुड़ी कई शर्तें भी हैं, जिनका पालन करना भी करना होगा. इसमें कानूनी पेंच ये है कि कुछ खास इंश्योरेंस में ही इसका फायदा मिलेगा और हर कार मालिक को फायदा नहीं मिलता है. दरअसल, क्लेम तक जाने के बीच कई नियम और शर्तें भी हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. बता दें कि दंगे में हुए कार के नुकसान को कन्प्रेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है. 


किस इंश्योरेंस में मिल पाता है क्लेम?


इंकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में इंश्योरेंस एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया है कि नुकसान कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्‍योरेंस पॉलिसी के तहत कवर हो सकता है, मगर थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस में यह कवर नहीं होता है. आपको बता दें कि गाड़ी का इंश्योरेंस लेना जरूरी होता है और इसके लिए लोग थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाते हैं, जिसमें कई चीजें कवर नहीं होती है. इसमें सिर्फ दूसरी कार को हुआ नुकसान कवर होता है. इसके लिए ऑन डैमेज कवर वाला इंश्योरेंस करवाना जरूरी होती है, जिसमें गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है. मगर ये खास इंश्योरेंस करवाना जरूरी नहीं होता है और इसका प्रीमियम भी ज्यादा होता है. 


कैसे और कितना मिलता है डैमेज?


अब ये तो क्लियर हो गया है कि दंगों में क्लेम मिलता है. लेकिन, क्लेम अप्लाई करते वक्त ये साबित करना होता है कि जहां आपने गाड़ी खड़ी की थी, वो दंगों से प्रभावित हुई. इसके लिए पुलिस की रिपोर्ट और वीडियो आदि पेश करने होते हैं. अगर कोई कार में बैठा रहे और उसे भी नुकसान होता है तो कंपनी उसका भी क्लेम देती है. अब क्लेम कितना मिलेगा या कार के नुकसान, शर्तों, रिपेयरिंग कॉस्ट आदि पर निर्भर करता है. बता दें कि ये ही नियम बारिश, बाढ़ में भी कार को होने वाले नुकसान के समय लागू होता है. 


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