हिंदी में बाएं से दाएं और उर्दू में दाएं से बाएं क्यों लिखा जाता है, कभी सोचा है आपने?
हिंदी और उर्दू दोनों ही हमारे देश में जन्मी भाषाएं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दोनों ही भाषाओं में कई उच्चारण ऐसे हैं जो अलग-अलग होते हैं, कुछ ऐसे ही उच्चारण हैं दाएं और बाएं.
हिंदी और उर्दू दोनों ही भारत में बोली जाती हैं. इन दोनों भाषाओं के बीच कई तरह की समानताएं हैं, फिर भी इनके लिखने के तरीके में बड़ा अंतर है. यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है कि जब हिंदी को बाएं से दाएं लिखा जाता है तो उर्दू को दाएं से बाएं क्यों लिखा जाता है. चलिए, इस सवाल का जवाब जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटते हैं.
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किस लिपि में लिखी जाती है हिंदी?
बता दें हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है. यह लिपि बायीं से दायीं ओर लिखी जाती है. देवनागरी लिपि का विकास प्राचीन भारत की ब्राह्मी लिपि से हुआ है. ब्राह्मी लिपि भी बायीं से दायीं ओर लिखी जाती थी. भारत में ज्यादातर भारतीय भाषाएं देवनागरी या इससे मिलती-जुलती लिपियों में लिखी जाती हैं.
इस लिपि में लिखी जाती है उर्दू
हिंदी से उलट उर्दू भाषा नस्तालिक लिपि में लिखी जाती है. यह लिपि अरबी लिपि से विकसित हुई है और इसे दायीं से बायीं ओर लिखा जाता है. अरबी, फारसी जैसी कई अन्य भाषाएं भी इसी लिपि में लिखी जाती हैं.
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क्यों अलग-अलग दिशा में लिखी जाती हैं दोनों भाषाएं?
हिंदी और उर्दू का विकास अलग-अलग सभ्यताओं और संस्कृतियों के संपर्क में आने से हुआ है. हिंदी का विकास प्राचीन भारतीय सभ्यता के संपर्क में रहा, जबकि उर्दू का विकास मध्य एशिया और पश्चिम एशिया की सभ्यताओं के संपर्क में आने से हुआ. इन सभ्यताओं में लिखने की अलग-अलग परंपराएं हुआ करती थीं.
वहीं दूसरी ओर हिंदी का विकास मुख्य रूप से हिंदू धर्म के प्रभाव में हुआ है, जबकि उर्दू का विकास इस्लाम धर्म के प्रभाव में हुआ है. दोनों धर्मों में अलग-अलग लेखन परंपराएं थीं. साथ ही हिंदी और उर्दू दोनों ही भाषाएं समय के साथ विकसित हुई हैं और इनके लिखने की शैली में भी बदलाव आता चला गया.
हिंदी और उर्दू में समानताएं
हिंदी और उर्दू एक दूसरे से अलग होकर भी कई तरह की समानताएं रखती हैं. बता दें दोनों भाषाओं का मूल एक ही है, जिसे हिंदुस्तानी कहा जाता था. साथ ही दोनों भाषाओं में कई समान शब्द हैं. इसके अलावा दोनों भाषाओं का व्याकरण भी काफी हद तक एक जैसी ही है.
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