Bullet Train: आपने बुलेट ट्रेन के बारे में जरूर सुना होगा. बुलेट ट्रेन ट्रैक पर हवा से बातें करती हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हवा से बातें करने वाली बुलेट ट्रेन से पटरी से क्यों नहीं उतरती है? दरअसल इसके पीछे पूरा फिजिक्स काम करता है. बुलेट ट्रेन पटरी से न उतरे, इसके लिए उसमें ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम लगा होता है. इसमें सेंसर लगा होता है, जो बताता है कि ट्रेन पटरी से उतर सकती है. अगर ऐसा होता है, तो ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाता है. इस तरह बुलेट ट्रेन हवा से भले बातें करें लेकिन ट्रैक से नहीं उतरती है.


इसके अलावा ट्रेन का वजन ज्यादा होता है, इसलिए पटरी पर चलाना ज्यादा सुरक्षित होता है. पटरी पर ट्रेन सीधी दिशा में चलती है. पटरी पर ट्रेन कम घर्षण से चलती है, जिससे ईंधन की बचत होती है. पटरी पर ट्रेन को ज्यादा सुरक्षित बनाया जाता है. बुलेट ट्रेन बहुत सुरक्षित मानी जाती है और इनके पटरी से उतरने का जोखिम बहुत कम होता है. बुलेट ट्रेनों में दिए गए फीचर यात्रियों की सुरक्षा और दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करते हैं. बुलेट ट्रेनों को कई सिक्योरिटी फीचर्स के साथ डिजाइन किया जाता है.


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बुलेट ट्रेन ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम से लैस


बुलेट ट्रेन आमतौर पर ऐसे ट्रैक पर चलती हैं जो स्टैंडर्ड गेज ट्रैक से अधिक चौड़े होते हैं. यह चौड़ा गेज ट्रेनों को पटरी से उतरने से बचाने में मदद करता है, भले ही वे पटरी से टकरा जाएं. बुलेट ट्रेन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ी रेगुलर ट्रेनों की तुलना में मजबूत मैटेरियल से बनाया जाता है. इसके अलावा बुलेट ट्रेन ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होती है, जोकि ट्रेन को पटरी से उतरने से पूरी तरह से प्रोटेक्ट करती है. इस सिस्टम में सेंसर लगाया गया है जो बताता है कि ट्रेन पटरी से उतर सकती है. ऐसे में ऑटोमेटिक ब्रेक अप्लाई हो जाती है.


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बुलेट ट्रेन ड्राइवर अत्यधिक प्रशिक्षित और अनुभवी होते हैं


बुलेट ट्रेन चलाने वाले ट्रेन ड्राइवर अत्यधिक प्रशिक्षित और अनुभवी होते हैं. उन्हें संभावित खतरों की पहचान करने और उनसे बचने के लिए कदम उठाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही बुलेट ट्रेन क्रैश अवॉइडेंस सिस्टम से लैस होती है. ये सिस्टम ट्रेन को किसी ऑवजेक्ट से टकराने की स्थिति में तुरंत रोक देता है. इसके अलावा इस सिस्टम का सेंसर बता देता है कि आगे ट्रेक पर कोई चीज. इसके बाद ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाते हैं.


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