प्लेन के टायर क्यों नहीं फटते हैं? क्या आपने सोचा है कभी, जानें इसकी वजह
गर्मी के कारण गाड़ी के टायर फटने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर प्लेन के टायर में कौन सी गैस भरी जाती है और ये फटता क्यों नहीं है.
दुनियाभर के अधिकांश देशों में भीषण गर्मी के कारण सबकी हालत खराब है. वहीं गर्मी से सड़क इतनी गर्म हो रही है कि गाड़ियों के टायर फट जा रहे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्लेन के टायर क्यों नहीं फटते हैं. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है. आज हम आपको बताएंगे कि प्लेन का टायर किस मैटेरियल से बना होता है और ये क्यों नहीं फटता है.
फ्लाइट
आज के वक्त अधिकांश लोग समय बचाने के लिए फ्लाइट से सफर करना पसंद करते हैं. फ्लाइट में सफर करने वाले ये बात जानते होंगे प्लेन का सारा भार टायर पर पड़ता है. टेक ऑफ और लैंडिंग के वक्त टॉयरों का रोल और बढ़ जाता है, इस लिए प्लेन के इंजीनियर टायर पर हमेशा अधिक ध्यान देते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर प्लेन के टायर किस चीज से बनते हैं, जिससे वो बाकी टायरों की तरह फटते नहीं है.
किस मैटेरियल के बनते हैं प्लेन के टायर?
बता दें कि हवाई जहाज का टायर सबसे मजबूत माना जाता है. हवाई जहाज के टायर 45 इंच के सिंथेटिक रबर के यौगिक संयोजन के साथ बने होते हैं. इनमें एल्यूमीनियम स्टील को कपड़े के साथ जोड़ा जाता है, जो नायलॉन और आर्मीड से बनाए जाते हैं. वहीं इनमें 200 पाउंड प्रति वर्ग इंच दबाव के साथ नाइट्रोजन गैस भरी जाती है. आपने साइंस में पढ़ा होगा कि नाइट्रोजन एक अक्रिय गैस है, इसलिए इस पर उच्च तापमान और दबाव परिवर्तन का सामान्य हवा की तुलना में कम प्रभाव पड़ता है. प्लेन के टायर 900 पाउंड प्रति वर्ग इंच के दबाव को भी सहन कर सकते हैं. इसलिए इसे सबसे मजबूत माना जाता है. आपने गौर किया होगा कि हवाई जहाज की लैंडिंग के दौरान जब टायर जमीन पर छूते हैं. तो उनसे धुआं निकलता है. बता दें कि हवाई जहाज जब जमीन को छूता है, तो शुरुआत में इसके टायर लुढ़कने के बजाय फिसलते हैं. ये तब तक फिसलते हैं, जब तक कि उनका घूर्णी वेग हवाई जहाज के वेग के बराबर नहीं हो जाता है. उस दौरान वेग बराबर होने पर इनका फिसलना बंद हो जाता है और ये घूमने लगते हैं. यही कारण है कि हवाई जहाज के टायरों पर कार के टायरों की तरह ब्लॉक पैटर्न का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, क्योंकि ब्लॉक पैटर्न के टूटने का खतरा रहता है. इसलिए इसके टायर में खांचे का उपयोग किया जाता है. इसका प्रत्येक टायर 38 टन तक के भार को झेल सकता है. यही कारण है कि बहुत से कमर्शियल विमाओं में 20 पहिए लगाए जाते हैं.
क्यों नहीं फटते हैं टायर
अब सवाल ये है कि प्लेन के टायर क्यों नहीं फटते हैं. बता दें जिन टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है, वो अमूमन कभी नहीं फटते हैं. क्योंकि इन टायरों में घर्षण के कारण आग लगने की संभावना नहीं होती है. इसलिए तेज रफ्तार के साथ जमीन पर उतरते हवाई जहाज के टायर घर्षण के बावजूद भी गर्म होकर फटते नहीं हैं. आज के वक्त कई लोग गाड़ी के टायरों में भी नाइट्रोजन गैस भरते हैं, जिससे दूरी के सफर में गाड़ी के टायर गर्म होकर फटे ना.
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