दिल का प्यार से नहीं होता कोई कनेक्शन! जानिए फिर शरीर के किस हिस्से से कंट्रोल होते हैं इमोशन
जब भी लोग प्यार का इजहार करते हैं तो दिल से उसका कनेक्शन जोड़ते हैं, जबकि बता दें कि प्यार से दिल का कोई रिश्ता ही नहीं होता.
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Oxytocin Hormone: प्यार का इजहार हो या कोई भी इमोशन, अक्सर हम इन्हें दिल से जोड़कर देखते हैं. कहा जाता है कि दिल दुखता है तो रोना आता है और किसी से प्यार होता है तो उसके लिए दिल में एक अलग जगह बन जाती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल से प्यार का कोई कनेक्शन ही नहीं होता. बल्कि इन सभी इमोशन का कनेक्शन हमारे दिमाग से होता है, जहां से प्यार का संचार करने वाला एक खास हार्मोन निकलता है. वही हार्मोन प्यार की फीलिंग का अलग-अलग एहसास कराता है.
दिल करता है ये काम
जिस अंग को हम दिल कहते हैं उसका मुख्य काम इमोशन की बजाय शरीर में खून का प्रवाह करना होता है. ऐसे में कई बार हम प्यार या दूसरे इमोशन्स को दिल से कनेक्ट करते हैं, तो बता दें कि आमतौर पर ऐसा नहीं होता. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये शरीर में खून के प्रवाह को सुचारू रूप से चलाने का काम करता है.
प्यार के इमोशन की क्या है वजह?
प्यार के इमोशन का मुख्य कारण 'ऑक्सीटोसिन' होता है. जो हमारे आसपास मौजूद लोग जैसे मां का बच्चों के प्रति, प्रेमी का प्रेमिका के प्रति या अलग-अलग संबंधों में प्रेम का कारण बनता है. ये हार्मोन पीयूष ग्रंथि से निकलता है जो कि मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस के निचले हिस्से की ओर मौजूद होती है. प्यार की भावनाओं और आत्मीय संबंधों को गढ़ने में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का खास महत्व होता है. इसे ही आलिंगन और प्रेम हार्मोन बताया गया है.
इस हार्मोन का जिक्र बाकायदा एनसीईआरटी की जीव विज्ञान की किताब में मिलता है. इस हार्मोन को जन्म हार्मोन भी कहा जाता है. इस हार्मोन को बर्थ हार्मोन भी कहा जाता है, जिसका कारण महिलाओं में प्रसव के दौरान इस हार्मोन का होना है. हार्मोन गर्भाशय की पेशियों के संकुचन में मदद करता है.
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