Heart Problem: दिल के रोग को साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है. पिछले दो सालों में कई सेलिब्रिटीज की मौत हो चुकी है. इन मौतों के पीछे विशेष बात यह रही है कि खुद को फिट रखने के लिए सभी सेलिब्रिटीज जिम में एक्सरसाइज कर रहे थे. लेकिन इस दौरान दिल के साथ छोड़ने से सितारे इस दुनिया से चल बसे. कई बार दिल का यही रोग संभलने का मौका नहीं देता तो कई लोग हार्ट अटैक आने पर अस्पताल तक पहुंच जाते हैं. एक झटके में मौत होने और संभलने के लिए कुछ वक्त देना, बस यही कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक में बेसिक अंतर है. इसी को समझने की कोशिश करते हैं.
पहले हार्ट अटैक को समझिए
ब्लड वेसेल्स में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने या फिर किसी तरह का ब्लॉकेज होने पर हार्ट अटैक आ जाता है. दरअसल, हार्ट का काम बॉडी के सभी पार्ट को ब्लड सप्लाई करना होता है. धमनियों में किसी तरह की रूकावट आने पर हार्ट के काम में रुकावट आती है. यदि ब्लॉकेज अधिक है तो हार्ट पर काम करने का दबाव बढ़ने लगता है. हार्ट अटैक आ जाता है.
ये हैं Heart Attack Symptoms
इसी दौरान सीने में दर्द, भारीपन जैसे लक्षण उभरने लगते हैं. हार्ट अटैक के लक्षण कुछ दिन पहले, यहां तक की कई महीने पहले भी दिख सकते हैं. इनमें सीने में तेज दर्द, बिना वजह पसीना आना, बेचैनी अधिक होना, गर्दन, पीठ में दर्द होना, सांस लेने में दिक्कत होना, जल्दी जल्दी सांस लेना, हार्ट बीट का बढ़ना शामिल है.
अब कार्डिएक अरेस्ट को जानिए
क्लीनिकली भाषा में कह सकते हैं कि कार्डिएक अरेस्ट हार्ट डिसीज की खतरनाक स्टेज है. इसका सीधा मतलब है कि हार्ट की ब्लड सप्लाई एक झटके में रुक जाती हैं. हार्ट को ब्लड न मिलने के कारण वह एक साथ काम करना बंद कर देता है. इसलिए व्यक्ति कैसी भी अवस्था में हो. वह तभी जमीन पर गिर जाता है. ऐसे पेशेंट को मिनटों में इलाज मिलना जरूरी है. इलाज में थोड़ी सी भी देर होने पर जान जा सकती है.
ये हैं Cardiac Arrest Symptoms
कार्डिएक अरेस्ट से पहले सीने में तेज दर्द, चक्कर आना, पल्स कम होते जाना, एक साथ बेहोश होकर गिर जाना शामिल है. यदि ऐसा कोई मरीज आसपास दिख रहा है या बेहोश हो गया है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाना जरूरी है.
हम क्या करें?
यदि कोई व्यक्ति कार्डिएक अरेस्ट के कारण बेहोश होकर गिर गया है. इसका अर्थ है कि ब्लड ने बॉडी के पार्ट को ब्लड सप्लाई करना बंद कर दिया है. इस कंडीशन में रहने पर और इलाज न मिले तो थोड़ी देर में धीरे धीरे सभी अंग काम करना बंद कर देंगे. मरीज की जान जा सकती है. ऐसी स्थिति कोई पेशेंट दिखने पर उसे तुरंत सीपीआर देना जरूरी है. सीपीआर में मरीज को दिल को निश्चित गहराई तक बार बार पुश किया जाता है. तुरंत मरीज को अस्पताल ले जाना होता है.
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