पूरा उत्तर भारत इस वक्त जानलेवा गर्मी से परेशान है. भीषण गर्मी और हीट वेव से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और बिहार के अस्पताल हीट स्ट्रोक के मरीजों से भरे पड़े हैं. अकेले यूपी में अलग-अलग जगहों पर 371 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. चलिए जानते हैं कि आखिर गर्मी और हीट वेव के कारण कैसे किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसके साथ ही ये भी समझेंगे कि आखिर गर्मी और हीट वेव का असर सबसे पहले शरीर के किस हिस्से पर पड़ता है.


दिल्ली में 200 प्रयागराज में 400 शव


गर्मी से स्थिती कितनी भयावह है, इसका अंदाजा आप शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों में लाए जा रहे शवों से लगा सकते हैं. जर्मन न्यूज वेबसाइट डीडब्लू की रिपोर्ट के अनुसार, 19 जून को अकेले दिल्ली के अलग-अलग शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों में 200 से ज्यादा शव अंतिम संस्कार के लिए लाए गए. जबकि, 18 जून को प्रयागराज में अलग-अलग शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों में 400 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हुआ.


गर्मी से कैसे होती है मौत


वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में आपातकालीन चिकित्सा के प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. कोरी स्लोविस ने सीएनएन से बातचीत करते हुए इस पर कहा है कि हीट वेव और भीषण गर्मी की वजह से जब आपके शरीर का तापमान बढ़ने लगता है तो इसका असर सबसे पहले आपके दिमाग, दिल और किडनी पर पड़ता है. इस प्रभाव इतना खतरनाक होता है कि आपके शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और धीरे-धीरे आपकी मौत हो जाती है.


वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर में इंटरनल मेडिसिन के प्रोफेसर क्रेग क्रैन्डल ने कहा कि जब शरीर के अंदर तापमान बढ़ता है, तो यह आपकी कोशिकाओं को इतनी बुरी तरह से प्रभावित करता है कि वो काम करना बंद कर देते हैं. ऐसे में शरीर के खास अंग धीरे-धीरे धीमे पड़ने लगते हैं और अंत में वो भी काम करना बंद कर देते हैं. इस स्थिति में इंसान की मौत हो जाती है.


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