कहीं कपड़े नहीं पहनती दुल्हन तो कहीं खिलाया जाता है पान, ये हैं शादी की पांच अजीब रस्में
भारत में शादी को सबसे पवित्र पूजा माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देशभर में शादी को लेकर अलग-अलग रस्में हैं, जिसको लोग फॉलो करते हैं. आज हम आपको ऐसे ही रस्मों के बारे में बता रहे हैं.

भारत में अलग-अलग जगहों पर शादी को लेकर रस्में भी बिल्कुल अलग होती हैं. आसान भाषा में कहे तो भारत में हर दूसरे जाति, धर्म के घरों में होने वाले शादी की रस्में अलग होती हैं. इनमें से कुछ रस्में तो ऐसी हैं, तो मनमोह लेती हैं. लेकिन वहीं कुछ रस्में ऐसी भी होती है, जिसके बारे में जानकर चौंक जाते हैं लोग. आज हम आपको कुछ ही रस्मों के बारे में बताने वाले हैं, जिसके बारे में शायद आपने पहले नहीं सुना होगा.
शादी की रस्में
हमारे देश और समाज में शादी एक बहुत ही पवित्र रिश्ता है. लड़का और लड़की जब शादी के बंधन में बंधते हैं, तो इस दौरान कपल को बहुत सारे रस्मों से गुजरना पड़ता है. लेकिन कुछ समाज में ऐसी रस्में भी होती हैं, जिसके बारे में जानने के बाद बाहरी लोग चौंक जाते हैं. हालांकि ये भी सच है कि कुछ रस्मों को देखकर हंसी भी आती है. आज हम आपको एक ऐसे ही रस्म के बारे में बताने वाले हैं, जहां कहीं कपड़े नहीं पहनती है दुल्हन तो कहीं पर पान खाना पड़ता है. एक जगह तो दुल्हे को कुएं में फेंकने की परंपरा है.
दुल्हे को कुएं में फेंकना
बता दें कि यह विचित्र विवाह परंपरा उत्तरी गोवा में है. बता दें कि यहां नवविवाहित दूल्हे को किसी कुएं या झील में ले जाकर फेंक दिया जाता है. इस परंपरा का नाम "साओ जोआओ" है. इसको लेकर कहा जाता है कि इससे दूल्हे की सेहत अच्छी होती है. वहीं इसके बारे में ये भी कहा जाता है कि ये परंपरा दुल्हन के परिवारों के लिए दूल्हे के बारे में थोड़ा बेहतर जानने का अवसर होता है.
दुल्हे के कपड़े फाड़ना
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर दुल्हे के कपड़े क्यों फाड़े जाते हैं? जी हां, तमाम परंपराओं की तरह ये भी एक परंपरा है. बता दें कि सिंधी समुदाय में शादी के दौरान दूल्हे के कपड़े फाड़े जाते हैं. इसे 'सांठ' कहते हैं.
दुल्हन नहीं पहनती है कपड़ा?
हिमाचल प्रदेश के पीणी गांव में एक अजीबोगरीब परंपरा है. इस परंपरा के तहत शादी के बाद दुल्हन को सात दिनों तक बिना कपड़ों के रहना पड़ता है. यह रस्म एक खास परंपरा है, जिसे गांव वाले पूरी आस्था और भक्ति के साथ निभाते हैं. इस दौरान दूल्हा-दुल्हन अलग-अलग रहते हैं और एक-दूसरे से कोई संपर्क नहीं रखते हैं.
पान खाने से शादी तय
बता दें कि बिहार के कई क्षेत्रों में ये परंपरा है कि यदि कोई लड़की किसी लड़के द्वारा दिया गया पान खा लेती है, तो इसका मतलब है कि वह उस लड़के को पसंद करती है और उससे शादी करने के लिए तैयार है. इसके बाद दोनों परिवारों के बीच शादी की बात आगे बढ़ती है.
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