यहां हर घर में पैदा होते हैं जुड़वा बच्चे, डॉक्टर भी नहीं खोज पाए इस पहेली का जवाब
Twins Village: हमारे देश में ऐसी कई जगह हैं जिनका रहस्य आजतक कोई नहीं सुलझा पाया है. इन्हीं में से एक है केरल का एक गांव. जहां हर घर में जुड़वां बच्चों का ही जन्म होता है.
Twins Village in Kerala Kodinhi Village: दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं जिनके रहस्य सभी को चौंका कर रख देते हैं. ऐसा ही है केरल का एक गांव. इस गांव की एक ऐसी खासियत है जिसका रहस्य वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं. दरअसल इस गांव के हर घर में जुड़वां बच्चों का ही जन्म होता है. हम बात कर रहे हैं केरल के मल्लपुरम जिले में एक कोडिन्ही गांव की. इस गांव के हर घर में जुड़वां बच्चे ही पैदा होते हैं. इस गांव में बड़ी संख्या में जुड़वां लोग हैं यही वजह है कि इस गांव को जुड़वों का गांव भी कहा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में नवजात शिशु से लेकर 65 वर्ष के लोग भी जुड़वां मिल जाएंगे. तो चलिए आज हम इस रहस्यमयी गांव के बारे में जानते हैं.
गांव में हैं 550 जुड़वां बच्चे
मल्लपुरम जिले का कोडिन्ही गांव देश का एक मात्र ऐसा गांव है जहां पर महज जुड़वा लोग ही रहते हैं. हैरानी की बात ये है कि यहां आपको हर घर में हमशक्ल मिल जाएंगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर 2000 परिवार में 550 जुड़वा लोग हैं. इस गांव में नवजात शिशु से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक हमशक्ल मिल जाएंगे.
आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो साल 2008 के अनुमान के अनुसार, यहां पर 280 जुड़वा थे. गांव में ज्यादातर बच्चों की उम्र 15 साल से कम है. एक स्कूल में तो 80 जुड़वां बच्चे हैं. इतने सालों में इस डेटा में काफी इजाफा हुआ है. इस गांव में चाहे स्कूल हो या फिर बाजार, हर जगह जुड़वा बच्चे नजर आते हैं.
यह भी पढ़ें: गैस सिलेंडर या पत्थरों से क्या वाकई पलट सकती है कोई ट्रेन? जानें क्या कहता है साइंस
दुनिया का दूसरा जुड़वां बच्चों का गांव
बता दें पूरे भारत में 1000 बच्चों में सिर्फ 9 बच्चे जुड़वा जन्म लेते है. इस गांव में 1000 पर 45 जुड़वा बच्चों का जन्म होता है. ये आंकड़ा पूरी दुनिया में दूसरा और एशिया में पहला है. दुनिया में पहले नंबर पर नाइजीरिया का इग्बो-ओरा है. इग्बो-ओरा में 1000 में से 145 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं. एक रिपोर्ट की अनुसार, कुछ परिवारों में दो से तीन बार तक जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं.
वैज्ञानिक भी हैरान
इस गांव में जुड़वां बच्चों की संख्या देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं. अक्टूबर 2016 में रिसर्चर्स की एक ज्वॉइन्ट टीम इस गांव में गई थी. इस टीम में हैदराबाद की सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉड्यूलर बायोलॉजी, केरल यूनिवर्सिटीज ऑफ फिशरिज एंड ओशिन स्टडीज (KUFOS) और लंदन यूनिवर्सिटी के साथ ही साथ जर्मनी के रिसर्चर्स भी गए थे. जिनका मकसद गांव के इस रहस्य का पता लगाना था. हालांकि कई रिसर्च के बाद भी जुड़वां बच्चे पैदा होने के रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका और आज भी ये गांव जुड़वां बच्चों के चलते रहस्यमयी बना हुआ है.
यह भी पढ़ें: इजरायल आर्मी में शामिल लड़कियों को कितनी मिलती है सैलरी? जानकर यकीन नहीं कर पाएंगे आप