भारत समेत दुनियाभर के अधिकांश देश नशे के बढ़ते व्यापार को देखकर चिंतित हैं. भारत के सर्वोच्च न्यायालय न्यायालय ने भी सोमवार को भारत के युवाओं में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी निराशा व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स लेना कूल माना जाता है, लेकिन यह बिल्कुल भी कूल नहीं है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि भारत में कौन सा ड्रग्स सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है और इसकी कीमत क्या होती है.


भारत में इन ड्रग्स का होता है इस्तेमाल


बता दें कि भारत में कई तरह के ड्रग्स का इस्तेमाल होता है. इसमें हेरोइन, कोकीन, चरस और ब्राउन शुगर शामिल है. हालांकि इंटरनेशनल बाजार में सभी तरह के ड्रग्स की कीमत भी अलग-अलग होती है. कुछ ड्रग्स तो सोने से भी महंगे बिकते हैं. 


हेरोइन क्या होता है?


हेरोइन दुनिया की कुछ सबसे खतरनाक ड्रग्स में से एक है. इसे अफीम और एसिटिक को मिलाकर तैयार किया जाता है. बता दें कि इसका इजाद मेडिकल यूज़ के लिए किया गया था, लेकिन आज ये मेडिकल यूज़ से ज्यादा नशे के लिए इस्तेमाल हो रहा है. बाजार में हेरोइन के एक किलो कि कीमत की बात करें तो ये करीब 5 करोड़ रुपयों के आसपास है.


कोकीन की कीमत?


कोकीन को कोका पौधे की पत्तियों से तैयार किया जाता है. इसका नशा इतना घातक होता है कि इसे लेने के बाद दिमाग का नक्शा बदल जाता है. इंटरनेशनल बाजार में एक किलो कोकीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है. 


चरस और ब्राउन शुगर की कीमत


चरस को तैयार करने के लिए भांग के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल भांग के पौधे में एक तत्व पाया जाता है ट्राइकोम. ये काफी शक्तिशाली माना जाता है. इसी की मदद से चरस को तैयार किया जाता है. चरस के एक किलो की कीमत करीब 5 लाख रुपये के आसपास होती है. वहीं ब्राउन शुगर को अफीम से बनाया जाता है. दरअसल इसे बनाने के लिए अफीन, हेरोइन और स्मैक तीनों का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए इसका नशा बहुत घातक होता है. कई बार इसके हैवी डोज से इंसान की जान भी चली जाती है. एक किलो ब्राउन शुगर के कीमत करीब 1 से 2 करोड़ रुपये के बीच है. भारत में चरस का इस्तेमाल ज्यादा होता है।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा नशा रोकना जरूरी


सुप्रीम कोर्ट ने समाज में और खासकर युवाओं में फैले रहे नशे के क्रेज को रोकने का आह्वान किया है. कोर्ट इस समस्या को रोकने के लिए माता-पिता, समाज और राज्य प्राधिकारियों सामूहिक कार्रवाई करने का आह्वान किया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.