भारत के इस राज्य में क्यों होती है सबसे ज्यादा बारिश, कई दिनों तक होती है लगातार
मानसून आने के साथ ही दुनियाभर में जमकर बारिश हो रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा बारिश होती है. आज हम आपको इतनी ज्यादा बारिश होने के पीछे की वजह बताएंगे.
मानसून आने के साथ ही साउथ से लेकर उत्तर तक जमकर बारिश हो रही है. कई राज्यों में तो भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस राज्य में सबसे ज्यादा बारिश होती है और इसके पीछे की वजह क्या है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ज्यादा बारिश होने के पीछे की वजह क्या है और ये बारिश क्यों नहीं रुकती है.
बारिश
मानसून आने के साथ ही बारिश का मौसम आ जाता है. बारिश के मौसम में अक्सर लोग घरों में बैठकर मौसम का लुफ्त उठाते हैं. क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा रहता है. लेकिन जब बारिश कई दिनों तक लगातार होती है और बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है, तो लोग इससे परेशान भी हो जाते हैं. क्योंकि ज्यादा बारिश और जलभराव के कारण सारा काम रूक भी जाता है. लेकिन आज हम आपको देश के एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे कि जहां हर समय पानी बरसता रहता है.
इस राज्य में सबसे ज्यादा बारिश
भारत में किस जगह सबसे ज्यादा बारिश होती है और ये बारिश कई दिनों तक जारी रहती है. इस सवाल का जवाब अधिकांश लोग चेरापूंजी देते हैं. हालांकि यह सच है कि पहले दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह चेरापूंजी ही थी. लेकिन अब किसी और जगह ज्यादा बारिश होती है. दरअसल अब ये जगह मेघालय की मासिनराम है. मासिनराम में चेरापूंजी से 100 मिलीमीटर ज्यादा बारिश होती है. इसी वजह से इस जगह का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है. बता दें कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा बारिश वाली ये दोनों जगहें मेघालय में हैं.
बता दें कि मासिनराम और चेरापूंजी सिर्फ 10 मील की दूरी पर हैं. हालांकि मासिनराम में चेरापूंजी से महज 4 इंच बारिश ज्यादा होती है. मासिनराम में हर साल औसतन 11871 मिलीमीटर बारिश होती है. यहां होने वाली कुल बारिश में से 90 प्रतिशत तो केवल छह महीनों के भीतर ही बरस जाती है. जुलाई में यहां सबसे ज्यादा बारिश होती है.
क्यों होती है इतनी बारिश
मासिनराम में ज्यादा बारिश होने की बड़ी वजह उसकी भौगोलिक स्थिति है. यह गांव भारत के उत्तरपूर्वी राज्य मेघालय में राजधानी शिलांग से 60 किमी दूर पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित है. ये पहाड़ियां दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान बरसाती बादलों को रोकती हैं, जिसके कारण भारी बारिश होती है.