दुनिया की इन 5 बड़ी कंपनियों के खिलाफ आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, बाजार में मचा दी थी तबाही
हिंडनबर्ग रिसर्च साल 2017 से काम कर रही है. उसका दावा है कि उसने 2017 से अब तक अमेरिका और विदेशों की लगभग 16 कंपनियों के बारे में रिपोर्ट जारी की और उनमें चल रहे वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया.
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. इसके बाद अडानी समूह के शेयरों कई दिनों तक लगातार लोअर सर्किट लगा. अब बीते रविवार को हिंडनबर्ग ने फिर से एक रिपोर्ट जारी की जिसमें उसने भारत में सिक्योरिटी मार्केट रेगुलटर (नियामक) SEBI की मौजूदा चेयरमैन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है.
हालांकि, इसके बाद सेबी प्रमुख और अडानी समूह का इस पर बयान आया और दोनों ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया. यहां तक कि सोमवार को जब बाजार खुला, तब भी थोड़ी गिरावट के बाद वह संभल गया. चलिए अब आपको इस आर्टिकल में उन पांच बड़ी कंपनियों के बारे में बताते हैं, जिन पर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट जारी की और उनके शेयर औंधे मुंह गिर गए.
कौन सी हैं वो 5 बड़ी कंपनियां
अडानी ग्रुप (Adani Group): हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई, जिससे कंपनी की बाज़ार पूंजीकरण में बड़े पैमाने पर कमी आई.
डोर्सी स्क्वायर इंक (Dorsey Square Inc.): हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में इस कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए, जिससे उनके शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी.
निकोला मोटर्स (Nikola Motors): हिंडनबर्ग ने निकोला मोटर्स पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उनके शेयरों पर बुरा असर पड़ा था.
लॉर्ड्सटाउन मोटर्स (Lordstown Motors): इस कंपनी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए थे. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट तो आई ही, इसके अलावा कंपनी की साख और निवेशकों के विश्वास में भी कमी देखी गई.
ब्लॉक इंक (Block Inc.): इस कंपनी के खिलाफ हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी के व्यापार मॉडल और प्रबंधन को कठघरे में खड़ा किया था. इससे ब्लॉक इंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी.
क्या है हिंडनबर्ग
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग रिसर्च साल 2017 से काम कर रही है. उसका दावा है कि उसने 2017 से अब तक अमेरिका और विदेशों की लगभग 16 कंपनियों के बारे में रिपोर्ट जारी की और उनमें चल रहे वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया. जबकि, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट दावा करती है कि साल 2020 के बाद से अब तक हिंडनबर्ग ने 30 कंपनियों की रिसर्च रिपोर्ट जारी की. सबसे बड़ी बात ये है कि रिपोर्ट जारी होने के अगले दिन ही इन कंपनियों के शेयर औसतन 15 फीसदी तक टूट गए.