Year Ender 2023: साल 2023 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. बस कुछ दिनों बाद नया साल शुरू होने वाला है. पुराने साल के बदलते ही घरों में मौजूद पुराने कैलेंडर बदल जाते हैं. अलग-अलग रीति-रिवाज के तहत नए साल का जश्न मनाने की तैयारी शुरू हो जाती है. कैलेंडर का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. हर काम मुहूर्त निकलवाकर किया जाता है. हिंदू धर्म की तरह ही मुस्लिम धर्म में भी कैलेंडर का काफी महत्व. इन दोनों धर्म के कैलेंडर में कौन सा कैलेंडर ज्यादा पुराना है. आइए जानते हैं.
हिंदू कैलेंडर की शुरूआत
हिंदू कैलेंडर में दो संवत प्रमुख हैं विक्रम संवत और शक संवत. विक्रम संवत की बात करें तो 57-58 ईसा पूर्व से चला आ रहा है. उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने इसकी शुरुआत की थी. शक संवत कुषाण वंश के राजा कनिष्क ने 78 ई.में शुरू किया था. भारत सरकार शक कैलेंडर को मानती है. लेकिन भारत में हिंदू धर्म के सभी व्रत और तीज त्यौहारों में विक्रम संवत पर आधारित कैलेंडर पर होते है. हिंदू धर्म के सभी व्रत और पर्व विक्रम संवत के तहत मनाया जाते हैं. इसी के चलते इसे ही हिंदू कैलेंडर कहा माना जाता है. विक्रम संवत कैलेंडर की बात की जाए तो यह तकरीबन 2080 साल पुराना है.
मुस्लिम कैलेंडर की शुरूआत
हिज़री कैलेंडर की शूरुआत 16 जुलाई 622 को हुई. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन हजरत मुहम्मद मक्का छोड़कर मदीना को चले कर गए थे. इस घटना को हिजरत कहा जाता है. उर्दू में हिजरत का मतलब चले जाने से होता है. हजरत मुहम्मद की मक्का से हिजरत के बाद से ही हिजरी संवत शुरू हुआ था. इसमें साल में 354 दिन होते हैं. सोलर ईयर जब सूर्य वापस अपनी जगह आता है तब 11 साल दिन छोटे होने के कारण कैलेंडर वर्ष के आखिरी महीने में कुछ दिन जोड़ दिए जाते हैं. देखा जाए तो हिजरी संवत की शुरुआत तकरीबन 1445 साल पूर्व हुई थी.
कौन सा ज्यादा पुराना?
विक्रम संवत को हिंदू कैलेंडर माना जाता है. इसकी शुरूआ 57-58 ईसा पूर्व 2080 साल पहले हुई. वहीं हिजरी संवत की शुरुआत तकरीबन 1445 साल पूर्व हुई थी. इस लिहाज से हिंदू कैलेंडर मुस्लिम कैलेंडर से ज्यादा पुराना है.
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