इंडोनेशिया के बाली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन की वजह से इंडोनेशिया की चर्चा हो रही है. इंडोनेशिया अक्सर मुस्लिम देश होने के बाद हिंदू धर्म के प्रभाव को लेकर चर्चा में रहते हैं. दरअसल, इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन वहां हिंदू धर्म से जुड़ी कई ऐसी चीजे हैं , जो इंडोनेशिया को अपनी एक ओर आकर्षित करता है. इंडोनेशिया से जुड़ा एक तथ्य काफी वायरल होता है कि  वहां की करेंसी में एक नोट पर गणेश जी की फोटो लगी है. इस नोट का हवाला देते हुए ही ये मांग की गई थी कि भारतीय करेंसी के नोट पर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर होनी चाहिए. हालांकि, इसके अलावा इंडोनेशिया से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो बताते हैं कि मुस्लिम बहुल होने के बाद भी वहां हिंदू धर्म का कितना प्रभाव है...
 
मुस्लिम बहुल देश है इंडोनेशिया



इंडोनेशिया को मुस्लिम देश इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां की करीब 87-88 फीसदी आबादी मुस्लिम है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां करीब 231 मिलियन मुस्लिम रहते हैं, जो किसी एक देश में सबसे ज्यादा है. दुनियाभर के मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग इंडोनेशिया में ही रहता है. लेकिन, यहां हिंदू धर्म का भी काफी प्रभाव है जबकि उनकी संख्या काफी कम है. हिंदू धर्म का प्रभाव इतना है कि लोग यहां हिंदू-देवी देवताओं को मानते हैं और मुस्लिम हिंदू नाम रखना पसंद करते हैं. 


क्यों है हिंदू धर्म की ज्यादा मान्यता?

इंडोनेशिया में हिंदू धर्म के प्रभाव का कारण व्यापार माना जाता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सातवीं सदी में व्यापार की वजह से ही यहा श्रीविजया साम्राज्य पनपा था और इसम पर व्यापार की वजह से हिंदू और बौद्ध धर्म का प्रभाव देखने को मिला था. इसके बाद यहां  कृषक बौद्ध सैलेंद्र और हिंदू मतारम वंश आए, जिससे हिंदू और बौद्ध कला का यहां विस्तार हुआ. इस वजह से आज भी यहां उस दौर के कई स्मारक देखने को मिलते हैं. 13वीं सदी में भी हिंदू मजापहित साम्राज्य की स्थापना हुई थी, इस वजह से आज से नहीं, बल्कि कई सालों से यहां हिंदू धर्म का प्रभाव रहा है. बता दें कि भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते हजारों साल पुराने हैं और ईसा के जन्म से पहले से ही भारत के लोग यहां आते जाते रहे हैं और इसी कारण से यहां की संस्कृति भारत से काफी मिलती जुलती है. 


अगर अभी हिंदुओं की संख्या की बात करें तो इंडोनेशिया की सिर्फ दो फीसदी आबादी ही हिंदू है. इंडोनेशिया में सिर्फ बाली द्वीप ही एक ऐसी जगह है, जहां हिंदू बहुसंख्यक है. माना जाता है कि यहां 90 फीसदी हिंदू रहते हैं. लेकिन, हिंदू आस्था बाली द्वीप तक नहीं, बल्कि पूरे इंडोनेशिया में फेमस है. जब भारत आजाद हुआ, तब भी उसकी वजह से कई जगह में हिंदू-मुस्लिम जैसे दंगे हुए, लेकिन इंडोनेशिया में ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके अलावा शिक्षा, आय और रोजगार के मामले में भी यहां हिंदू धर्म को मानने वाले लोग पीछे नहीं है. सिर्फ पांच फीसदी हिंदू ही गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन कर रहे हैं. 


कैसे दिखता है हिंदू धर्म का प्रभाव?


रामायण और महाभारत है काफी लोकप्रिय- इंडोनेशिया में आज भी हिंदू धार्मिक पुस्तकों का काफी महत्व है. कहा जाता है कि अगर इंडोनेशिया में महाभारत और रामायण का जिक्र करेंगे तो वे कहेंगे कि ये तो हमारे ग्रंथ हैं. 


रामायण का होता है मंचन- इंडोनेशिया में आज भी रामायण का मंचन होता है और खास बात ये है कि इसमें हर वर्ग के लोग हिस्सा लेते हैं. साथ ही यहां के लोग भगवान राम समेत कई हिंदू देवताओं को पूजते है. 


नोट पर है गणेश जी की तस्वीर- हिंदू धर्म का इतना प्रभाव है कि यहां के एक नोट पर भगवान गणेश की तस्वीर लगी है, जो वाकई हैरान कर देने वाला है. 


हिंदू नामों का प्रभाव- यहां मुस्लिमों नाम के साथ ही हिंदू और संस्कृत के नामों का प्रभाव भी देखने को मिलता है. यहां तक कि बच्चों के नाम भी हिंदू नाम पर होते हैं. 


कई हिंदू मंदिर भी हैं- इंडोनेशिया में काफी हिंदू मंदिर भी हैं, जो पर्यटन स्थल से कम नहीं है. इंडोनेशिया जाने वाले लोगों की घूमने में लिस्ट में इसका भी स्थान होता है.


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