Heeng Production: किसी पौधे से बनता है या फिर किसी फली से निकलता है? जानिए कैसे बनता है हींग
हींग औषधीय गुणों से भरपूर पौधा होता है. भारत में इसकी उपज न के बराबर होने के कारण इसके दाम भी शिखर पर होते हैं. देश के लोगोें की पूर्ति के लिए विदेशों से आयात किया जाता है.
Heeng production In India: हींग सब्जियों में जहां सुगंध और टेस्ट बढ़ाने के लिए जाना जाता हैं. वहीं इसके अपने औषधीय गुण भी हैं. इन्हीं गुणों के कारण हींग की कीमत आसमान छूती हैं. जहां बाकी मसाले किलोग्राम या ग्राम में बिकते हैं. वहीं इसकी कीमत ग्राम के लिहाज से बहुत अधिक हो जाती है. हींग का टेस्ट आपने भी किया होगा. लेकिन यहां आज यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि लोग खाने में हींग हींग करते है. ये होती कैसे है? यह पौधे से बनती है या फिर किसी फली से निकलती है. ये इतना महंगा होता क्यों है?
आइए जानते हैं, हींग होता क्या है?
हींग किसी मशीन या कोई अन्य तकनीक से नहीं बनाया जाता है. हींग एक पौधे से बनता है. हींग के पौधे से पाउडर वाला हींग बनता है. एक्सपर्ट हींग को सौंफ वाले पौधे की कैटेगरी में रखते हैं. यह करीब एक मीटर का होता है. इसके फूल पीले कलर के होते हैं. दूर से देखने पर यह सरसों के फूल की तरह दिखते हैं. हींग पौधे पर नहीं लगता है. यह एक जड़ होती है. इसलिए इसे शलजम, मूली, गाजर के पौधों की श्रेणी में भी रखा जाता है.
खाने वाला हींग कैसे तैयार होता है?
पौधे की जड़ों से निकले हींग को सीधे ही खाने के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता है. इसे एक प्रोसेस के माध्यम से पूरा किया जाता है. एक हींग से करीब आधा किलो हींग निकाला जाता है. हींग पोधे के जड़ से निकाले गए रस से तैयार किया जाता है. जब रस निकाल लिया जाता है तो उसे प्रोसेस के माध्यम से गोंद और स्टार्च मिलाकर खाने वाले हींग के रूप में तैयार किया जाता है. इसी के छोटे छोटे टुकड़े कर बाजार में बेच दिया जाता है.
हींग की हैं 130 किस्म
हींग इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए एक औषधि के रूप में काम करती है. अलग अलग देश में इसकी अलग अलग किस्म देखने को मिलती हैं. पूरी दुनिया में हींग की करीब 130 किस्में हैं. हींग की बुआई के करीब 4 साल बाद इससे पैदावार शुरू होती है. हींग काबुली सफेद और लाल-काला होता है. सफेद हींग पानी में घुल जाता है, जबकि लाल या काला हींग तेल में घुलता है.
क्या भारत में पैदा होता है हींग?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हींग की पैदावार खासी कम होती है. यह देश की जरूरत के लिए बाहर से ही इंपोर्ट किया जाता है. भारत में इसकी पैदावार न के बराबर है. हिमाचल में कुछ पहाड़ियों पर इसकी खेती होने लगी है. लेकिन देश की खपत के हिसाब से नाकाफी है. भारत में प्रयोग होने वाला हींग ईरान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से इंपोर्ट किया जाता है.
इस वजह से हो जाता है महंगा
हींग के महंगे होने का सबसे पहला कारण इसका विदेशों से आयात करना है. इसपर शुल्क बहुत अधिक होता है. दूसरा हींग को प्रोसेस करने का तरीका बेहद महंगा होता है. भारत में हींग की डिमांड अधिक है. सप्लाई बेहद कम है. डिमांड और सप्लाई में अंतर के कारण यह महंगा रहता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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