Food Facts: कहते हैं कि सभ्यता एक साझी विरासत है. ट्रैवल करना सभ्यता और संस्कृति के गुण हैं. खाने पीने की कई ऐसी चीजें हैं जो दुनिया भर को भारत से मिली हैं और भारत को भी दुनिया से. इंसानों की शुरुआत ख़ुद ही आज से तकरीबन 70,000 साल पहले अफ्रीका से हुई थी, तब वे आदिमानव कहलाते थे. पत्थर से आग जलाते, झूम खेती करते और कंद मूल फल खाते थे. फलों का जिक्र छिड़ ही गया है तो आइए एक नजर डालते हैं फलों के इतिहास पे, कि कौन सा फल कहां से आया और किसके साथ आया...
बाबर लेकर आया था ये सारे फल -
मशहूर इतिहासकार और भूगोलशास्त्री सोहेल हाशमी बताते हैं कि, सेब और अनार हिंदुस्तानी फल नहीं हैं. आज भी अरब देशों में अनार बेचने वाले आवाज़ लगाते हैं, 'कंधार के अनार'. अंगूर 'चमन' के नाम से बिकते हैं, और ये दोनों ही जगह पाकिस्तान में हैं. इन दोनों फलों को बाबर लेकर आया था. वो अपने साथ आलूबुखारा ( Plum ) और खुबानी ( Apricot ) लेकर आया. खरबूजा और तरबूज भी बाबर ने ही इंट्रोड्यूस किया था.
कुछ लोग कोहरा को सीताफल बताते हैं तो कुछ लोग शरीफा (custard Apple) को सीताफल कहते हैं. खैर वो बात और है की इन दोनों फलों को सीताजी ने कभी नहीं खाया ,क्योंकि दोनों ही फल विदेशी हैं.
वो फल जो स्वदेशी हैं:
आम पूरी तरह हिंदुस्तानी है. हालांकि कई और देशों में भी आम की खेती होती है मगर आम की जितनी वैरायटी भारत की मिट्टी में पाई जाती है , उतनी दुनिया में कहीं नहीं. गन्ना ( Sugarcane ) हिंदुस्तान का फल है. अरबों के जरिए गन्ना, सेंट्रल एशिया और मॉरीशस, फिजी ले जाया गया और साथ ही गन्ना की खेती करने वाले साथ ले जाए गए. इसलिए वहां आप देखेंगे कि भोजपुरी, हिंदी, मैथिली बोलने वाले इतने सारे लोग हैं.
सिकंदर महान और केले का कनेक्शन
केले का पहला रिकॉर्ड सिकंदर के समय से मिलता है. सिकंदर ने अपने एक आदमी को कहा की भारत में कोई अनोखी चीज दिखे तो नोट करना. सिकंदर को ये बताया गया की यहां एक अजीब तरह पेड़ है जिसके सिर्फ़ पत्ती ही पत्ती है,लकड़ी है ही नहीं..कतार में पेड़ होते हैं. गुच्छों में फल होते हैं और फल में बीज नहीं है.
केले की अच्छी पैदावार जावा, सुमात्रा में भी देखी जा सकती है. केरल में पूरे लाल केले भी होते है. जिसमें हर केले का वजन एक एक किलो तक होता है.
ये भी पढ़ें - आखिर कहां से आया 'आलू' , फूलगोभी, शिमला मिर्च...देसी सब्जियों की ये कहानी सुनकर पक्का चौंक जायेंगे