History of Red Fort: कुतुब मीनार, जामा मस्जिद या लाल किला... अपनी ऐतिहासिक इमारतों की वजह से देश की राजधानी दिल्ली दुनियाभर में भी मशहूर है. इन इमारतों का इतिहास भी अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण रहा है. आज के समय में यहां हर दिन पर्यटकों की भीड़ इन्हे देखने के लिए आती है. हालांकि, लोग इन ऐतिहासिक जगहों पर तो घूमने तो आते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर को उस जगह से जुड़े इतिहास और रोचक तथ्यों के बारे में नहीं पता होता. आज इस आर्टिकल में हम आपको दिल्ली के लाल किला यानि रेड फोर्ट के बारे में कुछ ऐसी अनसुनी और रोचक बातें बताएंगे, जिनके बारे में आपको अभी तक पता नहीं होगा. पढ़िए इस आर्टिकल को...


किले को बनने में लगा था 10 साल का वक्त


गौरतलब है कि लाल किले को बनने में 10 साल का समय लगा था, मतलब पूरे एक दशक में इस किले का निर्माण पूरा हुआ था. शाहजहां के समय के अग्रणी वास्तुकार उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने 1638 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया था जो वर्ष 1648 में पूरा हुआ था. इतना समय लगने का कारण जायज भी है, क्योंकि उस समय में आज की तरह मशीनें नहीं होती थी और सामान भी सीमित हुआ करता था. भले ही इसको बनाने में इतना समय लगा हो, लेकिन आज भी यह खूबसूरती और मजबूती के साथ खड़ा है.


लाल किला कभी हुआ करता था सफेद किला


यह तो सभी जानते हैं कि दिल्ली का लाल किला लाल रंग का है. लेकिन आपको यह जानकर शायद हैरानी हो सकती है कि रेड फोर्ट कभी वाइट यानी सफेद रंग का हुआ करता था. लाल किले को मुगल सम्राट शाहजहां ने बनवाया था. इतिहास में कई जगह इस बात का उल्लेख मिलता है कि लाल किले का रंग कभी सफेद हुआ करता था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुताबिक, इस ऐतिहासिक इमारत के कुछ हिस्से चूने के पत्थर से बने थे. जब इसमें लगे सफेद पत्थर जब अपनी जगह से निकलने खराब होने लगे थे तो अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंग दिया था.


ये था इस किले का असली नाम


लाल किले का शुरुआत से नाम लाल किला नहीं था. इस किले को मूल रूप से 'किला-ए-मुबारक' के नाम से जाना जाता था. इतिहास में कई जगह इसका उल्लेख है कि शाहजहां ने इस किले का निर्माण उस समय करवाया था जब उसने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किया था. उस समय इस किले का नाम किला-ए-मुबारक था, बाद में इसका नाम लाल किला कर दिया गया था. ऐसा भी कहा जाता है कि इसका निर्माण लाल रंग के पत्थरों और ईंटों से किया गया था, इसलिए अंग्रेजों ने इसका नाम रेड फोर्ट रख दिया था. इस तरह स्थानीय लोग इसे लाल किला के नाम से बुलाते थे.


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