भारत का नहीं है गर्मी का कॉमन फ्रूट तरबूज, ये सबसे पहले कहां उगाया गया था?
गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए घर-घर में तरबूज खाया जायेगा. इस मौसम में खाया जाने वाला यह सबसे अच्छा फल है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसकी उत्पत्ति कहां हुई थी?
Watermelon History: गर्मी के मौसम में खाया जाने वाला तरबूज मिठास और ताजगी से भरा होता है. यह गर्मी से राहत भी दिलाता है. जिस तरह दुनिया में हर चीज का अपना एक इतिहास है, उसी तरह तरबूज का इतिहास भी काफी दिलचस्प है. क्या कभी आपने सोचा है कि शरीर में पानी की कमी की पूर्ति करने वाला यह फल कहां से आया है? सबसे पहले यह कहां पैदा हुआ? आइए जानते हैं कि तरबूज की उत्पत्ति कहां हुई थी.
कहां से आया तरबूज?
तरबूज की उत्पत्ति प्राचीन मेसोपोटामिया (Mesopotamia) की उपजाऊ जमीन में हुई थी. जिसे आज हम इराक के नाम से जानते हैं. म्यूनिख में स्थित लुडविग मैक्समिलियन यूनिवर्सिटी की वनस्पति विज्ञानी सुजन रेनर और उनकी टीम ने सिट्रुलस लैनेटस नाम के घरेलू तरबूजों की जेनेटिक सिक्वेसिंग करने के बाद बताया कि घरेलू तरबूजों और सूडान में मिलने वाले जंगली तरबूजों का जीनोम बहुत हद तक मिलता है. हालांकि, सूडान के तरबूज लाल नहीं, सफेद होते हैं और वो ज्यादा मीठे भी नहीं होते. इनका इस्तेमाल आमतौर पर जानवरों के चारे के रूप में किया जाता है. प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक रिसर्च की रिपोर्ट का कहना है कि सूडान का तरबूज इराक के तरबूज का पूर्वज रहा होगा.
लाल रंग कहां से आया?
संभव है कि पुराने समय में किसानों ने जंगली तरबूज का मीठा वैरिएंट उगाया होगा. जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी और मीठा होता चला गया. लेकिन तरबूज के अंदरूनी लाल रंग को लेकर सुजन रेनर की टीम को कोई आइडिया नहीं है कि ये कैसे आया होगा.
सुजन रेनर के मुताबिक, इसकी वजह भौगोलिक परिस्थितियां भी हो सकती हैं. क्योंकि 3300 साल पहले मिस्र के राजा तूतनखामून को दफनाने के दौरान उनके साथ तरबूज के बीजों को भी दफनाया गया था. लेकिन तरबूज के रंग और मिठास का यह कोई पुख्ता सबूत नहीं है.
मिस्र में भी मिलते हैं तरबूज के होने के सबूत
एक दिन सुजन ने मिस्र की एक प्राचीन गुंबद पर करीब 4300 साल पुरानी पेंटिंग देखी, जिसमें एक तरबूज बना था. सुजन ने बताया कि यह पेंटिंग 1912 में ही खोज ली गई थी. इसमें अन्य फलों के साथ तरबूज को भी काटकर प्लेट में सजाया हुआ दिखाया गया है.
पेंटिंग से हुआ खुलासा
इस पेंटिंग की स्टडी के बाद सुजन रेनर ने बताया कि घरेलू लाल और मीठे तरबूज की उत्पत्ति मिस्र में हुई होगी. जो उनके साम्राज्य में कभी व्यापार के जरिए तो कभी तोहफों के रूप में हर जगह फैलाया गया. सूडान के प्राचीन न्यूबियंस मिस्र साम्राज्य का ही हिस्सा रहे थे. संभव है कि उन्होंने ही घरेलू तरबूजों को विकसित किया और उनका व्यापार किया होगा.
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