'इतिहास शायद मेरे साथ न्याय करेगा’ आज से करीब 10 साल पहले 2014 में ये बात कहने वाले डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बीते गुरुवार को अंतिम सांस ली है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि डॉक्टर मनमोहन ने 10 साल पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बात क्यों कही थी. आज हम आपको उस घटना से जुड़ी सार बात बताएंगे.
नहीं रहे पूर्व पीएम डॉ. सिंह
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बीते गुरुवार को आखिरी सांस ली है. जानकारी के मुताबिक तबियत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक कल सुबह राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. लेकिन उनकी मौत के बाद 10 साल पहले उनका दिया गया बयान 'इतिहास शायद मेरे साथ न्याय करेगा’ का जिक्र हो रहा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही थी ये बात
दरअसल पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का दूसरा कार्यकाल आलोचनाओं से घिरा हुआ था. क्योंकि उस समय महंगाई, टेलीकॉम, कोयला घोटाले से घिरी उनकी सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था. उस दौरान उन्हें कमजोर प्रधानमंत्री तक कहा गया था. इस माहौल में साल 2014 में बतौर प्रधानमंत्री अपने दूसरे कार्यकाल के आखिर में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. उस दौरान उन्होंने अंग्रेजी में कुछ कहा था, उनकी बातों का मतलब कुछ ऐसा था. ‘मैं ईमानदारी से मानता हूं कि मीडिया या फिर संसद में विपक्ष मेरे बारे में चाहे आज जो भी कहे, पर मुझे भरोसा है कि इतिहास मेरे साथ न्याय करेगा’. इसके आगे उन्होंने कहा था कि मैं भारत सरकार के कैबिनेट में होने वाली सभी चीजों का खुलासा तो नहीं कर सकता. लेकिन मुझे लगता है कि परिस्थितियों और गठबंधन राजनीति की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए मैंने जितना हो सकता था, उतना अच्छा किया है.
भारत सरकार में लंबे समय दी सेवाएं
डॉ. सिंह ने मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में (1972-1976), भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रूप में (1982-1985), योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में (1985-1987) और उन्होंने योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहते हुए भारत की आर्थिक योजना में योगदान दिया है. वहीं साल 1991 में डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनीति में कदम रखा था. ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया था. बता दें कि इस पद रहते हुए उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए थे.
ये भी पढ़ें:पाकिस्तान के इस गांव में हुआ डॉ मनमोहन सिंह का जन्म, बंटवारे से पहले महज इतनी थी आबादी