Happy Holi 2023: होली पर रंगों का इस्तेमाल तो सभी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, देश ही नहीं विदेशों में भी किस जगह से गुलाल, रंग, हर्बल कलर, स्प्रे आदि भेजे जाते हैं? आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताएंगे जहां से देश के साथ-साथ विदेशों में भी रंग भेजे जाते हैं. यहां के हर्बल कलर बेहद ही मशहूर हैं. साथ ही रंग बनाने की कई छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं, आइए जानते हैं...


उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मंडल में स्थित हाथरस जिले में बड़े पैमाने पर होली के रंग बनते है, यहां तरह-तरह के रंग गुलाल ओर स्प्रे अलग-अलग नामों से बाज़ार में है. देश के सुदूर इलाकों से व्यापारी रंग खरीदने व्यापारी यहां आते है. हाथरस में 20 से अधिक रंग-गुलाल बनाने के कारखाने हैं, जहां करीब 25 करोड़ सालाना टर्नओवर का कारोबार होता है. इसी अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाथरस रंग-गुलाल की कितनी बड़ी मंडी है. हालांकि कोरोना वायरस के कहर का यहां के रंग उद्योग पर भी असर पड़ा था. कोरोना के कारण यहां रंग-गुलाल का उत्पादन कम मात्रा में हुआ था. लेकिन इस साल फिर फिर रंग-गुलाल बड़ी मात्रा में बनाने का कार्य हुआ है.


बढ़ी हर्बल कलर की मांग


आजकल के परिवेश में मिलावट को रोक पाना बेहद मुश्किल है. रंगों में मिलाए जाने वाले केमिकल से आपको नुकसान हो सकता है. लेकिन हाथरस में टेसू के फूल से भी रंग बनाए जाते हैं. यह सस्ते और अच्छे होने के साथ बाजार में आसानी से मौजूद हैं, जिन्हें भिगोकर यहां के कारखानों में कई प्रकार के रंग बनाए जाते हैं. यहां के रंग उद्यमियों की मानें तो यहां के रंगों की क्वालिटी बेहतर है. हाथरस के होली के रंगों का कहीं कोई मुकाबला नहीं है.


हाथरस में रंग का कारोबार सदियों पुराना है. हजारों लोग इस कारोबार से जुड़े हुए है. यहां का रंग अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी जाता है. क्वालिटी की वजह से बाहर से लोग रंग की खरीदारी के लिए आते है. जैसे -जैसे जागरूकता बढ़ रही है लोग स्किन फ्रेंडली हर्बल कलर का प्रयोग कर रहे है इसकी मांग भी तेजी से बढ़ रही है.


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