लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज यानी 1 जून के दिन आखिरी चरण के लिए मतदान समाप्त हो चुके हैं. चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक मतदान खत्म होने के आधे घंटे के बाद सभी न्यूज चैनल एग्जिट पोल दिखाना शुरू कर चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एग्जिट पोल के नबंर कितने सही होते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि पिछले चुनावों के दौरान एग्जिट पोल के आंकड़े कितने सही साबित हुए थे. 


पहली बार कब हुआ था एग्जिट पोल


एग्ज़िट पोल चुनाव के बाद का एक सर्वेक्षण प्रकिया होता है. भारत में 1957 में पहली बार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने दूसरे लोकसभा चुनावों के दौरान एक पोस्ट-पोल सर्वेक्षण किया था. एग्जिट पोल के जरिए न्यूज चैनल और अलग-अलग एजेंसी विजेताओं और मत प्रतिशत को लेकर भविष्यवाणी करते हैं.


पिछले चुनावों के एग्जिट पोल


बता दें कि 2009 में चार बड़ी पोल एजेंसी के रिजल्ट में यूपीए को औसत 195 सीटें मिली थी. वहीं एनडीए को 185 सीटें मिली थी. हालांकि चुनाव नतीजे एग्जिट पोल के रिजल्ट से बिल्कुल अलग थे. क्योंकि यूपीए के खाते में 262 सीटें आई थीं. जबकि एनडीए को 158 सीटें मिली थीं. एग्जिट पोल से इतर यूपीए को 54 सीटें ज्यादा मिली थी. जबकि वहीं एनडीए को औसत से 22 सीटें कम मिली थी.
2014 के एग्जिट पोल में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को औसत 283 सीटें मिलने का अनुमान था. जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए को 105 सीटें मिलने का आकलन था. लेकिन एक्चुअल नतीजे इससे बिल्कुल अलग थे. क्योंकि उस चुनाव में एनडीए ने रिकॉर्ड 336 सीटें जीते थे. जिसमें बीजेपी को अकेले 282 सीटें मिली थी. वहीं यूपीए कुल 60 सीटों पर सिमट गई थी, जिसमें कांग्रेस के पास सिर्फ 44 सीटें आई थी.


2019 के एग्जिट पोल में अधिकांश पोल एजेंसी ने एनडीए को 306 सीटें जीतने की बात कही थी. जबकि यूपीए के खाते में 120 सीटें जीतने की बात कही थी. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे इस बार भी गलत साबित हुए थे. 2019 में एनडीए को 353 सीटें मिली थी. जिसमें अकेले बीजेपी को 300 सीटें मिली थीं. वहीं यूपीए के खाते में बस 93 सीटें आई थी. इसमें कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें मिली थी.


एग्जिट पोल को लेकर नियम


चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल दिखाने के लिए भी कुछ नियम बनाए हैं. भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी गाइसलाइंस के मुताबिक अंतिम वोट डाले जाने के 30 मिनट बाद एग्जिट पोल टीवी चैनल्स पर दिखाया जा सकता है. इन नियमों के मुताबिक एग्जिट पोल डेटा 1 जून को शाम 6:30 बजे से पहले जारी नहीं किया जा सकता था. 


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