स्पेस में कैसे गायब हो जाती हैं चेहरे की सारी झुर्रियां, जानें क्या है इसके पीछे का साइंस
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर अभी भी स्पेस में फंसे हुए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्पेस में रहने पर शरीर में क्या बदलाव होते हैं और चेहरे से झुर्रियां कैसे गायब हो जाती हैं.
अंतरिक्ष की दुनिया धरती से बिल्कुल ही अलग है. यही कारण है कि अंतरिक्ष को रहस्यों से भरी दुनिया कहा जाता है. अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर पिछले तीन महीने से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर फंसे हुए हैं. नासा के मुताबिक अब इन अंतरिक्षयात्रियों की वापसी अगले साल तक ही संभव है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्पेस में जाने पर इंसान के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे अंतरिक्ष में जाने पर चेहरे की सारी झुर्रियां गायब हो जाती हैं.
स्पेस
स्पेस को लेकर दुनियाभर के अधिकांश देशों के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं. अंतरिक्ष को रहस्यों की दुनिया कहा जाता है. इन रहस्यों को वैज्ञानिक सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. स्पेस में जाने पर अंतरिक्षयात्रियों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर दोनों स्पेस में फंसे हुए हैं. स्टारलाइनर में खराबी के बाद उनकी वापसी को टाल दिया गया है. अब स्पेसशिप अंतरिक्ष यात्रियों को लिए बिना ही वापस लौट रहा है. नासा ने बताया है कि विलियम्स और विल्मोर को अगले साल फरवरी में वापस लाने की योजना है.
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स्पेस में क्या होता है बदलाव
स्पेस में मनुष्य का शरीर माइक्रो ग्रेविटी के वातावरण में अलग परिस्थितियों का सामना करता है. जब कोई इंसान अंतरिक्ष में होता है, तो उसकी लंबाई बढ़ जाती है. वहीं पैरों पर पपड़ी गायब हो जाती है, क्योंकि आप नहीं चलते हैं. इसके अलावा नाखून और बाल तेजी से बढ़ते हैं. इतना ही नहीं गुरुत्वाकर्षण के बिना चेहरे पर झुर्रियां दूर हो सकती हैं. यानी स्पेस में गुरुत्वाकर्षण नहीं होने के कारण झुर्रियां नहीं पड़ती हैं.
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अंतरिक्ष में बढ़ती है लंबाई?
सुनीता विलियम्स एक इंटरव्यू में बताया था कि स्पेस में आपकी रीढ़ भी फैलती है, जिससे आप अंतरिक्ष में थोड़े लंबे हो जाते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि धरती पर वापस लौटने के बाद ये बदलाव खत्म हो जाते हैं. क्योंकि धरती पर आने पर आप गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं सकते और अपनी सामान्य लंबाई पर वापस आ जाते हैं. अंतरिक्ष में माइक्रोग्रेविटी की स्थिति के चलते कोई गुरुत्वाकर्षण बल काम नहीं करता है, जो शरीर को तनाव दे सके. इसकी वजह से हड्डियों का घनत्व और मांसपेशियों का द्रव्यमान काफी कम हो जाता है. बता दें कि पृथ्वी पर मौजूद गुरुत्वाकर्षण के चलते हमारी हड्डियां जमीन की ओर खींची जाती रहती हैं, लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं होता है.
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