पुराने समय में लोग गर्मी से निजात के लिए मिट्टी के बर्तनों का खास प्रयोग करते थे. जो गर्मी से तो राहत देता ही था साथ ही सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है. वहीं अब प्रचंड गर्मी में हम फ्रिज से हुआ ठंडा पानी प्रयोग में लाने लगे हैं, जो हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों को भी जन्म देता है. हालांकि अब प्लास्टिक और स्टील के अलावा मिट्टी से बनी बोतलें भी आपको मार्केट में मिल जाएंगी. जिनका इस्तेमाल कई लोग करते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर ये बोटले बनती कैसे हैं और इनमें पानी पीने से क्या फायदा होता है.


ऐसे बनती हैं मिट्टी की बोतलें


जिस तरह कुम्हार मिट्टी से घड़ा बनाता है या अन्य चीजें बनाता है उसी तरह वो मिट्टी की बोतल भी बनाता है. इसके लिए चुनकर मिट्टी लाई जाती है और कुम्हार उन्हें बोतल के आकार में ढाल देता है. गर्मी के मौसम में इन बोतलों की खासा डिमांड रहने लगी है, हालांकि इनके टूटने के डर से कम ही लोग इनका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस्तेमाल करने वाले लोग इनका भी सही से इस्तेमाल करते हैं. ये बोतलें ठंडा पानी तो देती ही हैं साथ ही इनके कई अन्य फायदे भी हैं.


मिट्टी के बोतलों के होते हैं कई फायदे


मिट्टी के घड़े या मटके में रखा पानी पीना पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होता है. उसी तरह मिट्टी की बोतलें भी होती हैं, क्योंकि मटके या घड़े मिट्टी से बने होते हैं. जबकि आजकल इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतलें प्लास्टिक और मेटल से बनी होती हैं. मिट्टी के बर्तन या मटके बायोडिग्रेडेबल होते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते.


इसके अलावा मिट्टी की बनी बोटल या घड़े में पानी शुद्ध रहता है. मिट्टी का घड़ा पानी की अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करता है. यही वजह है कि मटके का पानी काफी स्वच्छ और शुद्ध होता है. मिट्टी के बर्तन या मटके केमिकल फ्री भी होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुंचाते.


पीएच लेवल रहता है बैलेंस


वहीं मटके या मिट्टी की बोतल में रखा पानी पीएच लेवल बैलेंस करने के भी काम आता है. दरअसल ये क्षारीय प्रकृति पानी की अम्लता यानी एसिडिटी को बेअसर कर सकती है, जो पाचन से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद है. क्षारीय पानी पीने से शरीर के पूरे पीएच बैंलेस को सुधारने में मदद मिलती है.


यह भी पढ़ें: खाने को रोटी नहीं और न पहनने को कपड़ा, फिर भी इस पड़ोसी मुल्क के लोगों की दुबई में अरबों की प्रॉपर्टी, जानें कैसे?