कैसे बनते हैं नकली आम? जो सड़ा सकते हैं आपकी आंत
आज के समय में जहां हर चीज नकली बन रही है, वहीं अब फलों का राजा आम भी नकली बनाया जा रहा है. ये लोगों की आंत तक सड़ा सकता है. तो चलिए ये कैसे बनते हैं जानते हैं.
भारत में पिछले कुछ समय से खाने-पीने की चीजों में खूब मिलावट देखी जा रही है. खानपान की चीजों को सुंदर दिखाने और उनकी क्वांटिटी बढ़ाने के लिए ऐसे खतरनाक रसायनों का उपयोग किया जाता है. जो लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकते हैं. इसी तरह कारोबारी आम जल्दी-जल्दी पकाने के लिए भी रसायनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हाल ही में तमिलनाडु में खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक गोदाम से लगभग 7.5 टन नकली तरीके से पकाए गए आम जब्त किये हैं. इन आमों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जा रहा था. बता दें कि ये एक रासायनिक पदार्थ है जिसके इस्तेमाल पर भातयी घाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बैन लगाया हुआ है. इस रसायन के अवशेष आमों में आसानी से घुस जाते हैं जो उस आम को खाने वाली व्यक्ति के शरीर में गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकते हैं.
आखिर कैल्शियम कार्बाइड से कैसे बन जाते हैं नकली आम
FSSAI के मुताबिक कैल्शियम कार्बाइड को चूना पत्थर भी कहा जाता है. ये एक रासायनिक यौगिक होता है.. जो भारत में फलों को जल्दी पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके जरिए गलत तरीके से पकाए गए फलों को ही नकली फल भी कहा जाता है. फिलहाल धड़ल्ले से इसका उपयोग आमों को पकाने के लिए किया जा रहा है, ये एक खतरनाक और गैरकानूनी तरीका है. भारत में इस कैमिकल के उपयोग पर बैन लगा हुआ है. बता दें कि इस तरह के फल खाने से अल्सर, अनिद्रा, दिमाग की दिक्कतें, तंत्रिका तंत्र में खराबी आने जैसी परेशानियां सामने आ सकती हैं.
क्या हैं कैल्शियम कार्बाइड के खतरे?
केल्शियम कार्बाइड और एसीटिलीन गैस दोनों ही स्वास्त्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं. इनके संपर्क में आने पर सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, सीने में दर्द, उल्टी और चक्कर आना जैसे लक्षण हो सकते हैं. कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए फल स्वादहीन और कम पौष्टिक होते हैं. इसके इतर इसमें हानिकारक रसायन भी मौजूद हो सकते हैं, जो हमारी सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं.
कैसे करें पहचान?
इस तरह के आमों को आसानी से पहचाना जा सकता है. जैसे कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए आमों की चमक असमान होती है, आमतौर पर फलों में इतनी चमक नहीं होती. इसके अलावा इस तरह से पकाए गए आम कुछ पीले और कुछ हरे होते हैं. इन आमों में ज्याया झुर्रियां दिखाई देती हैं, खासतौर पर डंढल के पास. इस तरह से पकाए गए आमोें का स्वाद कच्चा और अधपक्का हो सकता है. साथ ही इनमें अजीब तरह की गंध आती है.
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