(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कैसे तय होते हैं मौसम के अलर्ट, ग्रीन-येलो-ऑरेंज और रेड अलर्ट में कितनी होती है हवा की रफ्तार?
कई बार मौसम विभाग ग्रीन, ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी करता है. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल जन्म लेता है कि आखिर ये अलर्ट का मतलब होता क्या है. चलिए जान लेते हैं.
देश के कई राज्यों में इन दिनों गर्मी कहर बरपा रही है. वहीं कुछ राज्यों में आंधी तूफान के साथ बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सो में हल्की तो वहीं कुछ में मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं कुछ जगहों पर गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई जाती है.
Weather Alerts: इसके अलावा कुछ जगहों पर 40 से 50 की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं. ऐसे में कई बार आपने देखा होगा कि मौसम विभाग कलर कोड के जरिए मौसम का अनुमान बताता है, ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इन कोड का मतलब होता क्या है. चलिए जान लेते हैं.
कलर से कैसे समझ सकते हैं चेतावनी सिस्टम?
मौसम विभाग जब भी कलर कोड से मौसम की चेतावनी देता है तो उसके अलग-अलग मायने होते हैं.
ग्रीन- जब मौसम विभाग ग्रीन अलर्ट के जरिए मौसम का अनुमान बताता है तो इसका मतलब है कि कोई गंभीर मौसम नहीं है और कोई सलाह जारी नहीं की गई है.
यलो अलर्ट- मौसम विभाग जब यलो अलर्ट जारी करता है तो इसका मतलब होता है कि आप अपने इलाके में मौसम को लेकर सचेत रहें और सावधानियां बरतें. साफ शब्दों में कहें तो इस अलर्ट का मतलब है कि इसके अनुसार, 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है.
रेड अलर्ट- जब किसी इलाके में या एक साथ कई इलाकों में बहुत भारी बारिश होती है, उस स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है. इसे बहुत तेज बारिश की संभावना जताई जाती है. इस दौरान 204.4 मिमी बारिश होने की संभावना रहती है. साथ ही पहाड़ी इलकों में भू-स्खलन की भी संभावना रहती है. ऐसी स्थिति में हवा भी तेज रफ्तार से चलती है. ऐसे में बाहर निकलने पर भी चेतावनी दी जाती है.
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