Black Cocaine Seized: पिछले दिनों बोलीविया (Bolivia) से मुंबई पहुंची एक महिला के पास से NCB की टीम ने 12 पैकेट यानी लगभग 3.2 किलो ब्लैक कोकीन (Black Cocaine) जब्त की. बता दें कि देश में ब्लैक कोकीन का यह पहला मामला है.


दरअसल, ब्लैक कोकीन एक खास तरह का ड्रग होता है, जिसे स्निफर डॉग्स (Sniffer Dogs) भी नहीं पहचान पाते हैं. आखिर क्या है ब्लैक कोकीन? इसे पहचान पाना इतना मुश्किल क्यों है और इसके क्या साइड इफेक्ट होते है? आज इस रिपोर्ट में हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.


ब्लैक कोकीन क्या है


दरअसल, ब्लैक कोकीन सामान्य कोकीन और कई तरह के केमिकल को मिक्स करके बनाई जाती है. यह एक दुर्लभ ड्रग है. देखने में यह चारकोल जैसी लगती है. इसे अत्यधिक नशीले और अवैध ड्रग की श्रेणी में रखा गया है. इसका अन्य नाम कोकीन हाइड्रोक्लोराइड या कोकीन बेस भी है. इसे कोबाल्ट, कोयला, एक्टिवेटेड कार्बन या आयरन सॉल्ट जैसी चीजों से मिलाकर बनाया जाता है. भारत में इसकी तस्करी कुछ दक्षिण अमेरिकी ड्रग पैनल कर रहे हैं.


 क्यों इसको पकड़ पाना मुश्किल है


दरअसल, इसका रंग बदल दिया जाता है और गंध को न्यूट्रल कर दिया जाता है, जिससे स्निफर डॉग्स भी इसे नहीं सूंघ पाते हैं. इसकी पहचान को छिपाने के लिए इसका रंग बदला जाता है. इसके अलावा, कई तरह के खास रसायनों को मिलाकर इसकी गंध इसलिए खत्म की जाती है, जिससे चेक प्वाइंट से गुजरते समय पुलिस या जांच दल भी इसे पहचान न पाएं यहां तक कि स्निफर डॉग्स से भी इसे आसानी से बचाकर लाया जा सके.


भारत कैसे पहुंच रही कोकीन


इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोकीन पहुंचने का सबसे बड़ा सोर्स दक्षिण अमेरिकी देश (South American Countries) हैं. इन देशों में कोका (Coca) प्लांट अधिक संख्या में हैं. यहीं से कोकीन मुंबई पहुंचती है और वहां से इसे देश के दूसरे शहरों (खासकर गोवा और अन्य मेट्रो सिटीज) में भेजा जाता है. आपको बता दें, नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रग्स में कोकीन सबसे महंगा ड्रग है और हाई क्लास सोसाइटी और रईसों में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है.


कितनी खतरनाक है


ब्लैक कोकीन (Black Cocaine) के खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. दरअसल, इसे बनाने में कई तरह के ड्रग्स का इस्तेमाल होता है, इसीलिए यह बहुत ज्यादा खतरनाक है. आमतौर पर ब्लैक कोकीन का इस्तेमाल करने से उल्टी, सिर दर्द जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं, इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और सी, बैक्टीरियल इंफेक्शन, हार्ट अटैक आदि साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं.


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