Ambedkar Controversy: बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के बाद सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि, इस विवाद के बीच राहुल गांधी बदले-बदले नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टी-शर्ट का कलर बदल गया है. अंबेडकर विवाद के बीच उन्होंने नीले रंग की टी-शर्ट पहनना शुरू कर दिया है. जबकि राहुल गांधी सफेद टी-शर्ट में ही दिखते थे.
राहुल गांधी ने अपनी टी-शर्ट का रंग यूं ही नहीं बदला है. यह रंग बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर से जुड़ा हुआ है. आपने अब तक बाबा साहेब की जितनी भी तस्वीरें या प्रतिमाएं देखी होंगी उसमें वह नीले कोट में ही दिखते हैं. यहां तक कि बाबा साहेब को अपना आदर्श मामने वाली मायावती की बसपा पार्टी ने भी इसी रंग को अपनाया है. तो आइए जानते हैं यह नीला रंग बीआर अंबेडकर के साथ कैसे जुड़ा?
नीले रंग से था खास जुड़ाव
बाबा साहेब और नीले रंग का खास जुड़ाव रहा है. कहा जाता है कि उन्हें यह रंग इतना पसंद था कि उन्हें ज्यादातर सूट नीले रंग के ही थे, अक्सर वे इसी रंग के सूट में देखे जाते थे. रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी व दलित कार्यकर्ता एसआर दारापुरी बताते हैं कि 1942 में जब बाबा साहेब ने शेड्यूल कास्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया पार्टी की स्थापना की, तो उस पार्टी के झंडे का रंग नीला ही था. बाद में 1956 में जब पुरानी पार्टी को खत्म कर रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया गया तो इसमें भी नीले रंग के झंडे का इस्तेमाल हुआ. बाद में यही रंग मायावती की बसपा पार्टी ने भी अपनाया.
दलित अस्मिता का प्रतीक
दुनिया भर में दलितों के आंदोलनों को नीले रंग से जोड़कर ही देखा जाता रहा है. दरअसल, आकाश का रंग नीला है और इस आकाश के नीचे सभी बराबर हैं. यहां किसी तरह की जात-पात का बंधन नहीं है.कहा जाता है कि इसी वजह से नीला रंग बाबा साहेब को काफी पंसद था और वह हमेशा इसी रंग के कपड़े पहनते थे. देशभर में बाबा साहेब की जितनी भी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, वे सभी नीले सूट में हैं. इसमें उनके एक साथ में संविधान तो दूसरे एक साथ की अंगुली उठी दिखती है, जो आगे बढ़ने का सूचक है.
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