Talking Parrots: यह तो आप जानते ही हैं कि हम को होठ, जीभ, तालु के तालमेल से बोल पाते हैं. कुछ शब्दों को बोलने के लिए हमें अपने लिप्स का इस्तेमाल करना पड़ता है, तो कुछ जीभ को अलग-अलग तरह से मोड़ने पर बोल पाते हैं. इसी तरह हम स्वर को ध्वनि दे पाते हैं, लेकिन क्या आपने तोते को देखा है? उसके पास तो होठ भी नहीं होते, फिर तोता शब्दों को साफ कैसे बोल पाता है? आइए समझते हैं.
कैसे बोल पाता है तोता?
अफ्रीका में तोते की ग्रे पैरेट नामक प्रजाति पाई जाती है, जो बहुत ज्यादा साफ बोलती है. दरअसल, तोते की सांस की नली और फेफड़ों के बीच में एक वाई आकार की खोखली संरचना होती है. जिसे सिरिंक्स कहते हैं. सांस लेने के दौरान सिरिंक्स से होकर हवा गुजरती है. जिस वजह से इसमें कंपन होता है और शोर पैदा होता है. इस शोर को तोता मांसपेशियों की एक पूरी श्रृंखला और सिरिंक्स के बाहर की मुलायम हड्डी के छल्ले की सहायता से कंट्रोल करके आपकी कही बात को दोहराता है.
अब सवाल यह है कि तोते को आखिर शब्दों की पहचान होती कैसे है? उसे शब्द का मतलब कैसे पता चलता है? वैज्ञानिकों के अनुसार, तोते का ब्रेन बाकी पक्षियों के ब्रेन से थोड़ा अलग होता है. इसी वजह से वह हमारी भाषा समझ और बोल पाता है.
दिमाग की बनावट से सीख पाते हैं बोलना
करीब 34 सालों से दुनियाभर के वैज्ञानिक तोते के मस्तिष्क पर शोध-अध्ययन कर रहे थे. जिसके बाद वैज्ञानिकों ने पता कर किया कि तोता बोलना कैसे सीखता है. दरअसल, उसके ब्रेन के बाहरी रिंग में कुछ शेल होते हैं, जो उसे बोलना सीखने में मदद करते हैं. तोते में इन शैल का साइज बाकी पक्षियों के मुकाबले बड़ा होता है. किस वजह से तोते इंसान की आवाज की बारीकियों को समझ पाते हैं और उसे दोहरा पाते हैं.
तोतों को पसंद है गाना
तोते हमारी तरह बात करने के साथ-साथ हमारी तरह गाना भी गा सकते हैं. तोतों को गाना काफी पसंद होता है. बहुत अधिक खुश होने पर भी यह गाना शुरू कर देता है.
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