जब भी कोई महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए सलाह दे रहा होता है तो वो उन्हें पेपर स्प्रे अपने पास रखने के लिए कहता है, कई बार इसका इस्तेमाल पुलिस भी करती है. इसे हवा में ही छिड़क दिया जाए तो इंसान परेशान हो सकता है. कुछ समय के लिए उसे दिखना तक बंद हो सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर ये पेपर स्प्रे होता क्या है.
कितना खतरनाक होता है पेपर स्प्रे?
यदि पेपर स्प्रे को हवा में स्प्रे कर दिया जाए तो आंखें बेहद जलने लगती हैं, वहां मौजूद लोगों का आंखें खोले रखना मुश्किल हो जाता है. साथ ही सांस लेने में मुश्किल महसूस होने लगती है. खांसी आती है. यदि किसी के चेहरे या आंखों के सामने इसे स्प्रे कर दिया जाए तो वो इंसान जलन और दर्द के चलते कुछ भी करने में असमर्थ हो जाता है.
पेपर स्प्रे में क्या भरा जाता है?
पेपर स्प्रे को आसान भाषा में समझें तो आप इसे मिर्च वाला स्प्रे भी कह सकते हैं. वैसे इसके कई इस्तेमाल होते हैं. हालांकि लोगों के इस्तेमाल के लिए ये कम प्रेशर वाले कैन में आता है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर इसमें भरा क्या जाता है? दरअसल इस स्प्रे में सबसे जरूरी तत्व कैप्सेसिन होता है. जो कैप्सिकम से निकला है. कैप्सिम को हम शिमला मिर्च के नाम से जानते हैं. अंग्रेजी में इसे बेल पेपर या सिर्फ पेपर के नाम से भी जाना जाता है. वहीं जो हरी मिर्च होती है उसे चिली पेपर कहा जाता है. इसी को कूट-पीसकर पेपर स्प्रे तैयार किया जाता है. यही वजह है कि इसे पेपर स्प्रे के नाम से भी जाना जाता है.
आप जब मिर्च काटकर गलती से भी यदि आंखों में हाथ लगा लेते हैं तब आंखों में जलन के कारण आपका हाल बुरा हो जाता है. ऐसे में पेपर्स को कूटकर जो तेल निकलता है उसे ओलेयोरेसिन कैप्सिकम कहते हैं. आपकी आंखों में महसूस होने वाली जलन का कारण यही होता है. इसी का इस्तेमाल पेपर स्प्रे में किया जाता है. कई बार पुलिस भीड़ को काबू करने के लिए भी इस पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करती है. वहीं राह चलते यदि कोई व्यक्ति अटैक कर दे तो इस स्प्रे की मदद से उसे पीछे हटने पर मजबूर भी किया जा सकता है.
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