Holi In Mughal Period: कुछ ही दिनों बाद पूरे भारत में होली खेली जाएगी 25 मार्च को सभी भारतवासी होली के रंग में रंगे हुए नजर आएंगे. होली का त्योहार ऐसा होता है जो जाति धर्म बाकी सभी भेदभाव को मिटाकर. सभी लोगों को एक साथ कर देता है. होली के त्यौहार की बहुत सी धार्मिक मान्यताएं भी हैं. होली का त्यौहार सदियों पुराना त्यौहार है. इसके इतिहास की बात की जाए तो होली मुगल काल में भी खेली जाती रही है. चलिए जानते हैं मुगल काल में कैसे मनाई जाता था होली का त्योहार. क्या था बादशाह अकबर का होली खेलने का तरीका.
मुगल काल में भी मनाई जाती थी होली
होली का त्यौहार सदियों पुराना त्यौहार है. इस प्राचीन काल से मनाया जा रहा है. इसमें सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं. और मुगल काल में भी कई शासकों द्वारा बड़े ही धूम धाम से होली का त्योहार मनाया जाता था. आज भी ऐसे कई प्रमाण मौजूद है जिनसे साबित होता है कि मुगल काल में होली मनाई जाती थी. मुगल काल में लाल किले में होली मनाई जाती थी. यह ईद के समान ही बड़े धूमधाम से मनाई जाती थी. इसे ईद ए गुलाबी भी कहा जाता था.
बादशाह हरम में खेलते थे होली
मुगल काल में बादशाह भी अपनी रानियां के साथ हरम में होली खेला करते थे. खास तौर पर मुगल बादशाह जहांगीर को होली बहुत पंसद थी. होली के त्यौहार की उनकी एक पेंटिंग भी काफी फेमस है जो की गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया में रखी हुई है. बादशाह हरम में अपनी रानियां के साथ जमकर होली खेला करते थे. इसके साथ ही होली के लिए खास तौर पर बाजार सजाया जाता था.
अकबर खेलते थे इस खास तरह से
मुगल बादशाह अकबर का होली खेलने का तरीका बाकी लोगों से काफी अलग था. उनके इस तरीके को जानकर आप काफी हैरान रह जाएंगे. बादशाह अकबर होली खेलने के लिए पूरे साल ऐसी चीजें ढूंढा करते थे. जिससे होली के रंगों को दूर तक फेंका जा सके. इस दिन बादशाह अकबर सभी भेदभाव को मिटाकर आम लोगों के साथ होली खेलते थे. जहां सभी मुगल बादशाह जमकर होली खेलते थे. तो वहीं औरंगजेब के शासन में होली पर रोक लगा दी गई थी.
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