भारत के उत्तर में एक राज्य है हिमाचल प्रदेश, जिसे पहाड़ों का प्रदेश कहा जाता है. अपनी घाटियों और वादियों के लिए मशहूर इस प्रदेश में कई खूबसूरत जगह हैं, जहां लाखों पर्यटक हर साल घूमने आते हैं. इनमें शिमला, कुल्लू-मनाली आदि काफी मशहूर हैं. हालांकि, एक हिल स्टेशन ऐसा भी है, जहां अब भी कम ही पर्यटक जाते हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी धर्मशाला के पास बसे इस हिल स्टेशन का नाम है मैकलोडगंज. क्या है इस शहर के अंग्रेजी नाम के पीछे की कहानी? आइए जानते हैं. 


डेविड मैकलोड के नाम पर पड़ा मैकलोडगंज नाम 


18 वीं सदी की बात है. भारत में अंग्रेजी हुकूमत आ चुकी थी. भारत में दूसरा आंग्ल सिख युद्ध चल रहा था. उस समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर डेविड मैकलोड थे. डेविड मैकलोड मूलता स्कॉटलैंड से थे  उन्हें यह जगह अपने गृह नगर स्कॉटलैंड जैसी ही लगी.  इसके बाद डेविड मैकलोड के नाम पर ही इस जगह का नाम मैकलोडगंज रख दिया गया. तबसे इस हिल स्टेशन को मैकलोडगंज कहा जाने लगा. 


1905 में भूकंप से सब हो गया था तबाह 


जब तक अंग्रेज भारत में रहे, यह जगह उनकी सबसे पसंदीदा जगहों में बनी रही. सन 1905 में इस जगह बेहद भयंकर भूकंप आया, जिसने न सिर्फ पहाड़ियों में बसे खूबसूरत हिल स्टेशन मैकलोडगंज, बल्कि पूरे कांगड़ा को उजाड़ दिया. पहले की तरह दोबारा बसने में इसे कई साल लग गए. 


दलाई लामा ने दोबारा बसाया 


भूकंप के बाद जब मैकलोडगंज पूरी तरह तबाह हो गया तो फिर यहां तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने काफी कार्य किया. उन्होंने शहर को दोबारा पूरी तरह से बसाया. दलाई लामा के इस शहर में प्रभाव होने के कारण ही इस शहर में हिंदू संस्कृति के साथ ही तिब्बती सभ्यता भी देखने को मिलती है. बता दें कि भारत में मौजूद 51 शक्ति पीठ में से एक शक्तिपीठ, जिसे ज्वाला देवी कहते हैं, इसी स्थान पर मौजूद है. 


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