पिज्जा का नाम देश के अधिकांश बच्चे जानते हैं. आज देशभर में कई अलग-अलग ब्रांड्स के पिज्जा स्टोर खुल चुके हैं. लेकिन पिज्जा लवर से लेकर आम आदमी भी पिज्जा के इतिहास के बारे में शायद ही जानते होंगे. आज हम आपको बताएंगे कि पिज्जा की सबसे पहले शुरूआत कब हुई थी और ये भारत में कब पहुंचा. 


पिज्जा


अधिकांश घरों के बच्चों को पिज्जा पसंद होता है. ऑनलाइन ऑर्डर लेकर स्टोर पर बच्चे-बड़े पिज्जा खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिज्जा को बनाने की शुरुआत कहां से हुई थी? बता दें कि पिज्जा की शुरुआत किसानों के भोजन के रूप में इटली में हुई थी. उस दौरान इसकी रोटी (पिज्जा बेस) भट्टी में तैयार की जाती थी. इस भट्टी में ईंधन के रुप में ज्वालामुखी से लाए गए लावा का उपयोग किया जाता था. हालांकि उस वक्त लोग इसे साधारण तरीके से ही खाते थे.  


सबसे पहला रंगीन पिज्जा?


बता दें कि टॉपिंग से भरपूर रंगीन पिज्जा सबसे पहले इटली की प्रथम महारानी मार्गेरीटा के लिए एक रेस्टोरेंट में तैयार किया गया था. दरअसल रेस्टोरेंट के मालिक ने पिज्जा को खास बनाने के लिए इस पर इस तरह की टॉपिंग की, जिससे इस पर इटेलियन फ्लैग को देखा जा सकता था. जिसमें टमाटर, मोजेरिला चीज और बेसिल लगाए गए थे. उस समय यूरोप में टमाटर प्रचलन में नहीं थे, इसलिए अमेरिका से टमाटर मंगवाए गए थे. इस टॉपिंग वाले पिज्जा को मार्गेरीटा नाम दिया गया था. इसके बाद महल ही नहीं बल्कि कई जगहों पर इसकी डिमांड तेजी से बढ़ी थी. 


पिज्जा स्टोर


जानकारी के मुताबिक दुनिया का सबसे पहला पिज्जेरिया साल 1830 में पोर्ट एल्बा में खुला था. जिसमें पिज्जा तैयार करने के लिए ओवन का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद धीरे-धीरे पिज्जा इटली से निकल कर दूसरे देशों में भी पहुंचा था. इतिहास के मुताबिक साल 1895 तक इसे अमेरीका में पसंद किया जाने लगा था. ऐसे में गेन्नैरो लोम्बार्डी ने साल 1905 में न्यूयार्क में अमेरिका का पहला पिज्जेरिया खोला, जो आज भी मौजूद है. 


भारत कब पहुंचा पिज्जा


बता दें कि पिज्जा का सफर यूनान, इटली, अमेरिका आदि देशों से होते हुए 1996 में इंडिया पहुंचा था. सबसे पहले पिज्जा हट कंपनी ने 18 जून को भारत में अपना पहला आउटलेट खोला था. कंपनी ने इंडिया में अपना पहला आउटलेट बेंगलुरु में खोला था. 


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