अफ्रीका का सहारा रेगिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान माना जाता है. हालांकि इन दिनों ये रेगिस्तान हाल ही में 2 दिन हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में आ गया. यह घटना दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. 50 साल बाद ऐसी घटना देखने को मिली है. इससे पहले 1974 में 6 साल के सूखे के बाद भारी बारिश हुई थी. लोगों के मन में सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर इतने बड़े रेगिस्तान में अचानक इतना पानी आया कहां से? ऐसे में चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.


सहारा रेगिस्तान में कैसे आई बाढ़?


सहारा रेगिस्तान में अचानक आई बाढ़ के कई कारण बताए जा रहे हैं. दरअसल वैश्विक तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव हो रहा है. इससे रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी अचानक और भारी बारिश की घटनाएं देखने को मिल रही हैं. हालांकि अनुमान है कि अफ्रीका में सक्रिय मौसमी सिस्टम भी इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, मानसून के दौरान अचानक आने वाली तूफान या चक्रवात इस तरह की स्थिति पैदा कर सकते हैं. इसके अलावा सहारा रेगिस्तान के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां पहाड़ों और घाटियों की उपस्थिति के कारण बारिश का पानी एक जगह जमा हो जाता है और बाढ़ की स्थिति बन जाती है.


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अगले 1500 सालों में हरा-भरा हो जाएगा सहारा रेगिस्तान


वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 1500 सालों में सहारा का रेगिस्तान हरा-भरा हो जाएगा. ऐसा अनुमान इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि धरती इस दौरान अपनी धुरी 22 से 24.5 डिग्री तक झ़ुक जाएगी. गौरतलब है कि सहारा नाम अरबी शब्द सहरा से लिया गया है, इसका मतलब मरुस्थल होता है.


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कितने वर्ग किलोमीटर में फैला सहारा रेगिस्तान?


आपको जानकर हैरानी होगी कि सहारा रेगिस्तान 92 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जो भारत के दोगुने से भी ज्यादा है. गौरतलब है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जो नॉर्थ, सेंट्रल और वेस्ट अफ्रीका के 10 देशों में फैला हुआ है. जिसमें माली-मोरक्को, मौरितानिया, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, नाइजर, चाड, सूडान और मिस्र जैसे देश शामिल हैं.                


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