आम इंसान की तुलना में कैसे अलग था आइंस्टीन का दिमाग? रिसर्च में क्या आया था सामने
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को लेकर आज भी कहा जाता है कि उनका दिमाग सबसे तेज था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टीन बाकी आम इंसानों से कितना अलग थे और उन्हें अलग क्यों माना जाता था.
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वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को कौन नहीं जानता है. आज भी दुनियाभर में उन्हें उनके तेज दिमाग के लिए याद किया जाता है. अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग औरों से बहुत अलग और तेज था. उनका दिमाग इतना तेज था कि आज भी लोग उनके दिमाग को जीनियस के पर्याय की तरह इस्तेमाल करते हैं. ऐसा माना जाता था कि आइंस्टीन का आईक्यू सबसे ज्यादा था. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे आइंस्टीन का दिमाग सबसे तेज था और आम इंसानों से उनका आईक्यू कितना ज्यादा था.
कौन थे आइंस्टीन?
थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी एंड मास एंड एनर्जी के बीच की व्याख्या करने वाले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को हुआ था. वहीं 09 नवंबर, 1922 को उन्हें 'सैद्धांतिक भौतिकी' में उनकी सेवाओं के लिए और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट की खोज के लिए 'फिजिक्स में 1921 का नोबेल पुरस्कार' दिया गया था. उनका दिमाग औरों से बहुत अलग और तेज था.
आइंस्टीन का दिमाग
आइंस्टीन का दिमाग इतना खास था कि उनकी मृत्यु के बाद उनके दिमाग को संभाल कर रखा गया था. उस पर कई शोध के जरिए ये पता लगाने की कोशिश की गई थी कि उनका दिमाग औरों से अलग और इतना तेज कैसे था. एक स्टडी में पाया गया कि आइंस्टीन का दिमाग वास्तव में कई मायनों में औरों से अलग था. हालांकि अभी भी कोई स्टडी ये पता नहीं कर पाई है कि ऐसा क्यों था.
आइंस्टीन का दिमाग सबसे तेज
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग इतना तेज क्यों था? ये सवाल हर कोई पूछता है. इस पर अब कई थ्योरी सामने आई थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक आइंस्टीन के दिमाग पर अन्य मस्तिष्क की तुलना में ज्यादा फोल्ड्स(धारियां) थीं. कहा जाता है कि यही उनकी इंटेलीजेंसी का कारण भी था.
नोबेल विजेता आइंस्टीन की मृत्यु के बाद 1955 में उनके दिमाग को 240 ब्लॉक्स में विभाजित कर वैज्ञानिकों को शोध के लिए दिया गया था. इनमें से अधिकतर नमूने खो चुके हैं और इसकी एनाटॉमी पर बहुत कम जानकारी सामने आ पाई है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक नया शोध पैथोलॉजिस्ट थॉमस हर्वे के निजी संग्रह में मौजूद आइंस्टीन के दिमाग की तस्वीरों के आधार पर किया गया था. 1230 ग्राम के आइंस्टीन का दिमाग वजन में आम लोगों जैसा ही है, लेकिन उन पर बहुत ज्यादा फोल्ड्स है.
क्या होता है आईक्यू?
आईक्यू शब्द 1912 में मनोवैज्ञानिक विलियम स्टर्न द्वारा दिया गया था. उस समय आईक्यू की माप किसी व्यक्ति की मेंटल एज और क्रोनोलॉजिकल एज के अनुपात के आधार पर की जाती थी. आज भी ऐसे ही किसी व्यक्ति का आईक्यू मापा जा सकता है. 10 वर्ष की आयु के व्यक्ति की मानसिक आयु 10 है, तो उनका IQ 100 होगा. हालांकि किसी व्यक्ति की मानसिक आयु उनकी क्रोनोलॉजिकल आयु से अधिक है, तो उनका IQ भी ज्यादा होगा. किसी 10 साल के व्यक्ति की मेंटल एज अगर 12 है, तो उनका IQ 120 होगा. वहीं अगर किसी व्यक्ति की मानसिक आयु उनकी आयु उनकी क्रोनोलॉजिकल आयु से कम है तो उनका आईक्यू 100 से कम होगा.
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