Bullet Train: नॉर्मल रेलवे ट्रैक से कितनी अलग होती है बुलेट ट्रेन की पटरी, क्या इस पर भी बिछाने पड़ते हैं स्लीपर?
भारत में बुलेट ट्रेन का काम बहुत तेजी से चल रहा है. लेकिन क्या बुलेट ट्रेन भारत में बने नॉर्मल ट्रैक पर चल पाएगी या अलग से ट्रैक बिछाना पड़ेगा.जानिए इस हाई स्पीड ट्रेन के लिए कैसे ट्रैक की जरूरत है.
![Bullet Train: नॉर्मल रेलवे ट्रैक से कितनी अलग होती है बुलेट ट्रेन की पटरी, क्या इस पर भी बिछाने पड़ते हैं स्लीपर? How different is the bullet train track from a normal railway track do sleepers have to be laid on it too Bullet Train: नॉर्मल रेलवे ट्रैक से कितनी अलग होती है बुलेट ट्रेन की पटरी, क्या इस पर भी बिछाने पड़ते हैं स्लीपर?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/18/20db83456543e1b2bbf4282ff7a551c81713446440727906_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
दुनियाभर में बुलेट ट्रेन को उसकी स्पीड के लिए जाना जाता है. अब बहुत जल्द भारत में भी बुलेट ट्रेन चलने का सपना जल्द साकार होने वाला है. देश का पहला हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद के बीच बन रहा है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि बुलेट ट्रेन किन पटरियों पर चलती हैं? क्या पहले से बिछे रेलवे ट्रैक पर ये ट्रेन चल पाएगी या इसके लिए नया ट्रैक बिछ रहा है.
जापान बुलेट ट्रेन
सबसे पहले बुलेट ट्रेन के बारे में जानते हैं. बता दें कि 515 किलोमीटर लंबी टोकेडो-शिंकानसेन दुनिया की सबसे व्यस्त हाई-स्पीड रेल लाइन है, जिसके 1964 में (टोक्यो ओलंपिक के लिए) उद्घाटन से लेकर 2010 तक 4.9 बिलियन यात्रियों ने यात्रा की है. जापान में ज्यादातर लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक प्रति दिन 64 मिलियन लोग यहां ट्रेनों में चलते है. यह दुनिया में किसी और देश की तुलना में सर्वाधिक संख्या है.
भारत में बुलेट ट्रेन
बता दें कि भारत में बहुत जल्द बुलेट ट्रेन चलेगी. भारत का पहला हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद के बीच बन रहा है. इस प्रोजेक्ट का पहला हिस्सा 2026 में शुरू होने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक इस पर जापान की शिनकानसेन ई-5 सीरीज की बुलेट ट्रेन चलेगी, जिसकी नोज (ट्रेन का अगला हिस्सा) 15 मीटर लंबी होती है. बता दें कि 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली इन ट्रेनों का सफर सबसे सुरक्षित माना जाता है. लेकिन ये ट्रेनें आम भारतीय टैक पर नहीं चल सकती हैं, इसके लिए अलग से ट्रैक बिछाया जाएगा.
बुलेट ट्रेन का ट्रैक
देश की पहली बुलेट ट्रेन के लिए भारत में पहली बार मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाले बैलास्टलेस ट्रैक भी बनाए जा रहे हैं. ये गिट्टी रहित ट्रैक होते हैं और इनसे ट्रेन में काफी स्थिरता आती है. इस ट्रैक सिस्टम के मुख्य रूप से चार भाग हैं. पहला वायाडक्ट के ऊपर RC ट्रैक, सीमेंट अस्फाल्ट मोर्टार, प्री-कास्ट ट्रैक स्लैब और फास्टनिंग डिवाइस है. इस खास ट्रैक को गुजरात में तैयार किया जा रहा है.
स्वदेशी बुलेट ट्रेन
जानकारी के मुताबिक भारत में स्वदेशी बुलेट ट्रेन बनाने की प्लानिंग चल रही है. ये ट्रेन वंदेभारत ट्रेन की तर्ज पर बनेगी. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ( आईसीएफ) में ऐसी हाई-स्पीड ट्रेनों की डिजाइनिंग को डेवलप किया जा रहा है. 250 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड वाली ट्रेनों के लिए रेलवे को खास प्लानिंग पर काम करना है, क्योंकि देश में पहले से ही वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है, जिनकी टॉप स्पीड 220 किलोमीटर प्रति घंटा तक जाती है.
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