उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचाकर रखा हुआ है. ये भेड़िए अब तक कई बच्चों की जान ले चुके हैं. भेड़िए को इंसानों में खासकर बच्चों के लिए सबसे खतरनाक जानवर माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे कोई भेड़िया या बाघ समेत कोई जंगली जानवर आदमखोर बनता है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे कोई जानवर आदमखोर बनता है. 


भेड़िया 


यूपी के बहराइच में भेड़ियों ने एक महिला समेत 8 मासूमों को अपना शिकार बनाया है. वहीं जिला वन विभाग के मुताबिक अब तक 4 आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, वहीं 2 अन्य भेड़िओं को पकड़ने की तैयारी है. इन्हें पकड़ने के लिए ड्रोन और ट्रेंकुलाइजर की मदद ली जा रही है.


आदमखोर


अब सबसे पहले ये समझते हैं कि आदमखोर का मतलब क्या होता है. बता दें कि आदमखोर शब्द अरबी के 'आदम' और फारसी के 'खोर' शब्द से मिलकर बना है. इसका मतलब 'आदमी को खाने वाला' से होता है. आसान भाषा में आदमखोर शब्द का इस्तेमाल उस जानवर के लिए होता है, जो इंसान को खाता है या मानव को अपना आहार बना लेता है.


जानवर कब बनते हैं आदमखोर


अब कई बार सवाल होता है कि कोई भी जानवर कब आदमखोर बनते हैं. जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि जब भेड़िया, बाघ समेत अन्य जानवरों के मुंह में इंसानी खून लग जाता है, तो उसके आदी हो जाते हैं.  वहीं फिर भूख लगने पर वो अपने अन्य शिकारों के बजाय इंसान को ढूंढने लगते हैं. यह भी माना जाता है कि जब इन जानवरों को शिकार नहीं मिलता है, तब भी वे आदमखोर हो जाते हैं.


बाघ आदमखोर 


बाघ को लेकर कहा जाता है कि घायल-चोटिल होने या फिर बूढ़ा होने पर वो इंसान को अपना शिकार बनाता है. पटना के चिड़ियाघर के वेटनरी अफसर रह चुके डॉ. अजीत कुमार के मुताबिक 'डीबी' की रिपोर्ट में बताया गया है कि  खाने या फिर जंगल की कमी के चलते बाघ आदमखोर बन जाते हैं. वहीं आदमखोर होने के बाद वो जंगल से बाहर निकल आते हैं और सटे और नजदीकी इलाकों में इंसानों को अपना शिकार बनाते हैं. ये इस दौरान इंसानों ही नहीं बल्कि कई बार मवेशियों को भी अपना टारगेट बना लेते हैं.


खाना नहीं मिलना भी वजह


वन विभाग की टीम के मुताबिक शेर, बाघ, और भेड़िया जैसे जंगली जानवर आदमखोर तभी होते हैं, जब उन्हें जंगल में पर्याप्त खाना नहीं मिल पाता है. इसके अलावा एक बार जब वो इंसानी मांस खाने लगते हैं, तो उन्हें इसी तरह का मांस पसंद आने लगता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े लोगों के मुकाबले छोटे बच्चों पर हमला करना इनके लिए आसान होता है. इसलिए ये ज्यादातर बच्चों को निशाना बनाते हैं.


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