एक्सप्लोरर

स्पेस स्टेशन में खाना कैसे बनाते हैं एस्ट्रोनॉट्स, क्या वहां होती है गैस स्टोव की व्यवस्था?

अंतरिक्ष यात्रियों को फ्रीज्ड, रीहाइड्रेटेबल और कम नमी वाला खाना भेजा जाता है. जबकि, पीने वाली चीज को पाउडर फॉर्म में भेजा जाता है ताकि एस्ट्रोनॉट्स सिर्फ उसमें गर्म पानी मिलाकर उसे आसानी से पी सकें.

धरती से काफी ऊपर आसमान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है. इस स्पेस स्टेशन में कई देशों के एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं. ये एस्ट्रोनॉट्स इसी स्पेस स्टेशन में कई महीनों तक रहते हैं. यहीं खाते हैं, सोते हैं और लगभग हर वो काम करते हैं जो पृथ्वी पर रहते हुए एक आम इंसान करता है.

ऐसे में काफी लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि क्या स्पेस स्टेशन में भी एस्ट्रोनॉट्स को घर जैसा पका हुआ खाना मिलता है. अगर मिलता है तो क्या वहां भी गैस स्टोव जैसी कोई व्यवस्था होती है. चलिए आज आपको एस्ट्रोनॉट्स और उनके स्पेस स्टेशन में रहने से जुड़ी कई बातें बताता हूं.

स्पेस स्टेशन में खाना

स्पेस स्टेशन में सब कुछ नाप तोल के भेजा जाता है. यही वजह है कि वहां हर अंतरिक्ष यात्री के लिए हर दिन सिर्फ 1.7 किलोग्राम खाना ही भेजा जाता है. सबसे बड़ी बात कि ये वजन सिर्फ खाने का नहीं होता. बल्कि, इसमें 450 ग्राम वजन तो सिर्फ खाने के कंटेनर का होता है. सबसे बड़ी बात कि अगर अंतरिक्ष यात्री ये कंटेनर खोलते हैं तो उन्हें उसमें मौजूद खाने को 2 दिन के अंदर खत्म करना होता है.

वहां कैसे मिलता है खाना

अगर आप सोच रहे हैं कि स्पेस स्टेशन में कोई गैस स्टोव जैसी चीज होती होगी, जिसकी मदद से अंतरिक्ष यात्री अपना खाना पकाते होंगे तो आप बिल्कुल गलत हैं. दरअसल, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाना धरती से ही खास कंटेनरों में भर के भेजा जाता है. हालांकि, धरती पर भी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जो खाना पैक किया जाता है, उसे नॉर्मल खाने की तरह नहीं बनाया जाता. स्पेस में भेजा जाने वाला खाना जीरो ग्रैविटी को ध्यान में रख कर पकाया जाता है.

वहीं खाना लंबे समय तक चले, इसके लिए कई तरही की व्यवस्थाएं की जाती हैं. जैसे खाना पैक करने के लिए थर्मो-स्टेबलाइज्ड कंटेनरों का प्रयोग होता है. इसमें मौजूद खाना कई दिनों तक फ्रेश बना रहता है. वहीं कंटेनर में रखने से पहले खाने को फ्लेक्सिबल फॉयल लैमिनेटेड पाउच में रखा जाता है जो स्पेस में खाने को रेडिएशन से बचाता है.

अब आते हैं इस बात पर कि अंतरिक्ष यात्रियों को किस तरह का खाना भेजा जाता है. आपको बता दें, अंतरिक्ष यात्रियों को फ्रीज्ड, रीहाइड्रेटेबल और कम नमी वाला खाना भेजा जाता है. जबकि, पीने वाली चीज को पाउडर फॉर्म में भेजा जाता है, ताकि अंतरिक्ष यात्री सिर्फ उसमें गर्म पानी मिलाकर उसे आसानी से पी सकें.

ये भी पढ़ें: World Snake Day: अगर दुनिया से सांप खत्म हो जाएं तो क्या होगा, पर्यावरण के लिए कितने जरूरी हैं सांप?

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

इजरायल-हिज्बुल्लाह में 'जंग' के बीच 'शांतिदूत' बने फ्रांस के राष्ट्रपति, लेबनानी नेता और नेतन्याहू को लगाया फोन
इजरायल-हिज्बुल्लाह में 'जंग' के बीच 'शांतिदूत' बने फ्रांस के राष्ट्रपति, लेबनानी नेता और नेतन्याहू को लगाया फोन
'तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी', चंद्रबाबू नायडू ने जिस लैब रिपोर्ट का दिया हवाला, वो क्या कहती है
'तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी', चंद्रबाबू नायडू ने जिस लैब रिपोर्ट का दिया हवाला, वो क्या कहती है
दिल्ली देहात के ग्रामीणों को पीएम मोदी का तोहफा, पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ
दिल्ली देहात के ग्रामीणों को पीएम मोदी का तोहफा, पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ
अमेरिका में इतिहास रचने वाली पहली हिंदी फिल्म, इस तारीख को फिर से हो रही रिलीज
गोविंदा ने न रिजेक्ट की होती ये फिल्म, तो आज फिर से होते चर्चा में!
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Israel Air strike on Lebanon: लेबनान पर एयर स्ट्राइक..महाजंग का हूटर | ABP NewsJammu Kashmir Election: कश्मीर चुनाव में पाकिस्तान..राजनीति में घमासान | ABP News | PakistanUP POLITICS : CM Yogi Adityanath के बयान पर Akhilesh Yadav का पलटवार | ABP News | BreakingJammu Kashmir Election: कश्मीर में चुनाव...पाकिस्तानी एजेंडे पर तनाव ! ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इजरायल-हिज्बुल्लाह में 'जंग' के बीच 'शांतिदूत' बने फ्रांस के राष्ट्रपति, लेबनानी नेता और नेतन्याहू को लगाया फोन
इजरायल-हिज्बुल्लाह में 'जंग' के बीच 'शांतिदूत' बने फ्रांस के राष्ट्रपति, लेबनानी नेता और नेतन्याहू को लगाया फोन
'तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी', चंद्रबाबू नायडू ने जिस लैब रिपोर्ट का दिया हवाला, वो क्या कहती है
'तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी', चंद्रबाबू नायडू ने जिस लैब रिपोर्ट का दिया हवाला, वो क्या कहती है
दिल्ली देहात के ग्रामीणों को पीएम मोदी का तोहफा, पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ
दिल्ली देहात के ग्रामीणों को पीएम मोदी का तोहफा, पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ
अमेरिका में इतिहास रचने वाली पहली हिंदी फिल्म, इस तारीख को फिर से हो रही रिलीज
गोविंदा ने न रिजेक्ट की होती ये फिल्म, तो आज फिर से होते चर्चा में!
महाराष्ट्र: धुले में एक घर से मिले चार शव, आत्महत्या या हत्या, गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
महाराष्ट्र: धुले में एक घर से मिले चार शव, आत्महत्या या हत्या, गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
Arkade Developers IPO: संस्थागत-रिटेल निवेशकों के दम पर 107 गुना सब्सक्राइब हुआ आर्केड डेवलपर्स का आईपीओ, बंपर लिस्टिंग की उम्मीद
आर्केड डेवलपर्स का आईपीओ संस्थागत-रिटेल निवेशकों के दम पर 107 गुना हुआ सब्सक्राइब
GPSC Recruitment 2024: गुजरात में निकली असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती, इस ​आसान तरीके से करें अप्लाई
गुजरात में निकली असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती, इस ​आसान तरीके से करें अप्लाई
किसान भाई इस तरह कर सकते हैं असली डीएपी की पहचान, उर्वरक खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
किसान भाई इस तरह कर सकते हैं असली डीएपी की पहचान, उर्वरक खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
Embed widget