आसमान में बादल कैसे बना लेते हैं अजीबो गरीब आकृतियां, जानिए इसके पीछे की साइंस
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये बादल आसमान में 5000 मीटर की ऊंचाई तक होते हैं. वहीं कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि ये बादल आसमान में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर भी दिखाई दे जाते हैं.
बारिश के समय या फिर जब भी कभी आसमान में ढेर सारे बादल इकट्ठा होते हैं तो आपने देखा होगा कि इन बादलों के बीच एक से बढ़ कर एक आकृतियां बनी रहती हैं. बचपन में अक्सर हम इन आकृतियों को देखते थे और इन बादलों में तरह तरह के जीवों की आकृतियों को ढूंढते थे. कभी इन बादलों में हमे घोड़ा बना दिखाई देता, तो कभी कोई पक्षी. लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर इसके पीछे की साइंस क्या है और ये बादल कैसे इतनी अलग अलग आकृतियों का निर्माण कर लेते हैं.
कैसे बदलता है बादलों का आकार?
बादलों के आकार बदलने से पहले आप जानिए आखिर इतने बादल बनते कैसे हैं. दरअसल, हवा में पानी हमेशा वाष्प के रूप में मौजूद रहता है, जब यही वाष्प ठोस में परिवर्तित होता है तो इसके कण प्रकाश को बिखेर देते हैं और इसकी वजह से ही ये बादलों के रूप में दिखाई देने लगते हैं. अब आते हैं कि बादलों का आकार कैसे बनता है. आपको बता दें इसके पीछे तापमान, घनत्व और गति होता है. इन्हीं के कारण बादलों की आकृति बनती है.
बादलों के प्रकार जानिए?
अगर आपको लगता है कि बादल तो बादल होते हैं, सभी एक जैसे ही होते हैं तो आप गलत हैं. बादलों के भी प्रकार होते हैं. इनमें पहले नंबर पर है क्यूम्यलस बादल (Cumulus clouds). ये बादल कपास जैसे होते हैं, थोड़े फूले हुए. हालांकि, ये बादल वातावरण में कम बनते हैं. कुछ लोग इन्हीं बादलों को कपासी बादल भी कहते हैं. देखने में ये बादल ऐसे लगते हैं जैसे खेत में सफेद कपास पड़े हों.
क्यूम्यलोनिम्बस बादल क्या होते हैं?
क्यूम्यलोनिम्बस बादल तब बनते हैं जब वाष्प तरल पानी में बदलता है. इस क्रिया के दौरान गर्मी पैदा होती है और जब वायुमंडल में स्थितियां इसके प्रतिकूल होती हैं तो यही गर्मी बाद में बादल बन जाती है. ये बादल देखने में काले होते हैं, इन्हें अक्सर बारिश वाले बादल भी कहा जाता है. इनमें बिजली की कड़क भी होती है.
अब लघु बादल के बारे में समझिए?
लघु बादल की बात करें तो ये आसमान में काफी ऊपर होते हैं. अक्सर ये बादल छोटे छोटे गुच्छों में नजर आते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये बादल आसमान में 5000 मीटर की ऊंचाई तक होते हैं. वहीं कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि ये बादल आसमान में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर भी दिखाई दे जाते हैं.
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