गर्मी और बारिश में सबसे ज्यादा मच्छर लगते हैं. देश में मानसून आने के साथ ही कई राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. जिस कारण कई जगहों पर जलभराव की समस्या आ रही है. बारिश और इन जलभराव के कारण मच्छरों की संख्या तेजी से फैल रही है. देश के कई इलाकों में डेंगू भी तेजी से पैर पसार रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मच्छर इंसानों के पीछे किस गंध के कारण आते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि दूर-दूर से मच्छर इंसानों के पास कैसे पहुंच जाते हैं. 


कैसे बढ़ता है मच्छरों का प्रकोप?


बारिश और जलभराव से मच्छरों का आतंक भी बढ़ जाता है. मच्छरों से निजात पाने के लिए इंसान हर संभव प्रयास करता है. बता दें कि मादा मच्छर इंसानों का खून चूसते हैं. बल्कि नर मच्छर सिर्फ मादा मच्छरों से आकर्षित होकर इंसानों के आस-पास आते हैं. रिसर्च के मुताबिक मादा एडीज के काटने पर डेंगू का बुखार होता है. वहीं मादा एडीज इतनी ताकतवर होती है कि वह गर्म से गर्म जगह में जिंदा रह सकती है. 


कैसे फैलता है मलेरिया?


इसके अलावा मलेरिया मनुष्यों में एनोफ़ेलीज़ वंश की मादा मच्छरों द्वारा फैलता है. मादा मच्छर अंडे के उत्पादन के लिए रक्त भोजन लेती हैं, इसलिए ये मनुष्यों को काटती हैं, जिससे मलेरिया फैलता है. जानकारी के मुताबिक नर मच्छरों से मलेरिया नहीं फैलता है. इतना ही नहीं नर मच्छर इंसानों को काटते भी नहीं है, ये फूलों के रस से अपना भोजन प्राप्त करते हैं. सवाल ये है कि फिर ये मनुष्यों के पास क्यों आते है? जानकारी के मुताबिक नर मच्छर मादा मच्छरों से आकर्षित होकर उनके पीछे-पीछे मनुष्यों के पास आते हैं, लेकिन नर मच्छर मादा मच्छरों को काटते नहीं है. सिर्फ मादा मच्छर मनुष्यों का खून पीते हैं.


इंसानों के पास कैसे आते हैं मच्छर?


आपने देखा होगा कि मच्छर अक्सर इंसानों के शरीर के आस-पास और सर के ऊपर मंडराते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर मच्छरों को ऐसा क्या गंध आता है, जिसकी वजह से वो पीछे-पीछे आते हैं. बता दें कि हमारी त्वचा 340 से अधिक रासायनिक पदार्थों का उत्पादन करती है. मच्छरों को इनमें से कुछ गंध भोजन की तरह आकर्षित करती है. इतना ही नहीं इंसानों के पसीने में मौजूद कुछ रसायन भी मच्छरों को आकर्षित करते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक मच्छर 100 फीट दूर से ही हमारी गंध सूंघ सकते हैं. खासकर मच्छर इंसानों द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैसे को तेजी से संघूते हैं. इसके अलावा इंसानों के सिर का पसीना जल्दी सूखता नहीं है. मच्छर पसीने की गंध और कार्बन डाइऑक्साइड के कारण इंसानों के सर पर मंडराते रहते हैं.


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