हमारे गांव में एक दादी हुआ करती थीं, अब वह इस दुनिया में नहीं हैं. हालांकि, आजे से लगभग 4 साल पहले एक बार सुबह-सुबह हल्ला मचा की उनकी मौत हो गई. गांव के ज्यादातर लोग उनके घर के बाहर इकट्ठा हो गए, उनके घर वाले लोग रो रहे थे...उनके अंतिम विदाई की तैयारी शुरू कर दी गई थी. लेकिन जैसे ही उन्हें शमशान ले जाने के लिए उठाया गया...उनका शरीर हिलने लगा. पहले तो लोग डरे, लेकिन फिर जल्दी से उन्हें खोला गया और कफन हटाया गया तो पता चला कि वो जिंदा हैं उनकी सांसें चल रही हैं. कुछ घंटों बाद जब ये पूरा हंगामा खत्म हुआ और वो थोड़े होश में आईं तो उन्होंने जो कहानी बताई उसे सुनकर सब हैरान रह गए.


क्या थी वो कहानी


उन्होंने बताया की उनकी मृत्यु हो चुकी थी वो स्वर्ग में पहुंग गई थीं. लेकिन भगवान ने उनसे कहा कि उनकी मृत्यु अभी नहीं लिखी है, इसलिए उन्हे पृथ्वी पर वापस जाना होगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वहां ऊपर वह अपने पुर्वजों से भी मिलीं. यानी उनके माता पिता और दादी से. हालांकि, दादी की इस बात को सबने हंस के मजाक में टाल दिया. लेकिन अब जब वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च किया और खुलासा किया तो रिपोर्ट पढ़ कर सब हैरान हैं.


क्या है यह रिसर्च


ब्रिटेने के एक शोधकर्ता हैं डॉ. चार्ल्‍स ब्रूस ग्रेसन. उन्होंने ऐसे बहुत से लोगों के किस्से सुने हैं जो मर के वापस आए हैं. यही वजह रही कि उन्होंने इस पर रिसर्च करने की ठानी. इस रिसर्च के दौरान उन्होंने ऐसे कई लोगों से बात की जो ये कहते हैं कि वो मर के वापस आए हैं. इस बातचीत और कहानियों के आधार पर उन्होंने एक किताब लिखी 'आफ्टर: ए डॉक्‍टर एक्‍सप्‍लोर व्‍हाट नीयर डेथ एक्‍सपीरियंस रिवील अबाउट लाइफ एंड बीयॉन्‍ड’ इस किताब में उन्होंने जिन कहानियों का जिक्र किया है...वो हूबहू वैसी ही हैं जैसा की गांव वाली दादी बताया करती थीं. डॉ. चार्ल्‍स ब्रूस ग्रेसन ने जितने भी लोगों से इस पर बात की सब ने एक कॉमन चीज बताई कि उन्होंने वहां अपने पुर्वजों से मुलाकात की और उनको वापस पृथ्वी पर भेजा गया यह कह के कि उनका अभी समय नहीं हुआ है.


मरते समय लोग ऐसा क्यों महसूस करते हैं


डॉ. चार्ल्‍स ब्रूस ग्रेसन का कहना है कि जब कोई इंसान मर रहा होता है तो वह खुद को सभी तकलीफों से आजाद महसूस करता है. उसे लगता है कि वह काफी सहज और सामान्य स्थिति में है. यहां तक कि कुछ लोग अपने शरीर से आत्मा को निकलते हुए भी देखते हैं. इसके बाद जब ये लोग उस स्थिति में पहुंचते हैं कि उन्हें मृत्युलोक दिखाई दे और वहां वह अपने पूर्वजों से मिल रहे हों लेकिन तभी अचानक कुछ ऐसा हो कि वो फिर से जिंदा हो जाएं इस पूरे समय को और अनुभव को नियर डेथ एक्‍सपीरियंस कहा जाता है. ऐसा बहुत कम लोगों के साथ होता है. लेकिन जितने भी लोग जो इस अनुभव से गुजर चुके हों...वो जो कुछ भी कहते हैं उसे वह महसूस कर चुके होते हैं. यानी वो लोग सिर्फ बातें नहीं बना रहे होते हैं.


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