रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने जर्मन शेफर्स टीटो के आजीवन देखभाल की व्यवस्था की है. इसके अलावा भी हम सुनते हैं कि लोगों ने अपनी संपत्ति अपने पालतू जानवरों के नाम कर दी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पालतू जानवर इस संपत्ति का उपयोग कैसे करते हैं? क्या वो सच में पैसे खर्च कर सकते हैं? चलिए जानते हैं.
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पालतू जानवरों को लेकर क्या कहता है कानून?
अधिकांश देशों में पालतू जानवरों को कानूनी व्यक्तित्व नहीं होता. इसका मतलब है कि वो खुद संपत्ति के मालिक नहीं बन सकते और न ही किसी अनुबंध में प्रवेश कर सकते हैं. भारत में भी पालतू जानवरों को कानूनी व्यक्तित्व नहीं मिला है. इसलिए, वो सीधे तौर पर किसी संपत्ति के मालिक नहीं बन सकते.
पालतू जानवर के नाम कैसे लिखी जाती है वसीयत?
अपनी संपत्ति को पालतू जानवर के नाम करने के लिए एक वसीयतनामा बनाना आवश्यक होता है. इस वसीयतनामा में साफतौर पर लिखा जाता है कि संपत्ति का उपयोग पालतू जानवर की देखभाल के लिए किया जाएगा. ऐसे में ट्रस्टी एक व्यक्ति या संस्था होती है जिसे ट्रस्ट के तहत संपत्ति का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. ट्रस्टी को पालतू जानवर की देखभाल के लिए संपत्ति का उपयोग करना होता है. रतन टाटा के पालतू कुत्ते टीटू की देखभाल भी उनके लंबे समय से रसोइये रहे राजन शॉ को सौंपी गई है.
दरअसल, अधिकांश देशों में पालतू जानवरों के लिए संपत्ति का प्रबंधन एक ट्रस्ट के जरिये किया जाता है. ट्रस्ट एक कानूनी इकाई है जिसे संपत्ति को धारण करने और प्रबंधित करने के लिए बनाया जाता है.
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पालतू जानवर के लिए पैसे कैसे खर्च होते हैं?
अब सवाल ये उठता है कि पालतू जानवर वसीयत के पैसे खर्च कैसे करता है? तो बता दें कि ट्रस्टी पालतू जानवर के स्वास्थ्य के लिए जरुरी सभी खर्चों का भुगतान करता है जैसे कि दवाएं, टीके, और सर्जरी. इसके अलावा पालतू जानवर के खाने, रहने और अन्य जरुरी चीजों के लिए भी ट्रस्टी पैसे खर्च करता है. साथ ही यदि पालतू जानवर की देखभाल करने के लिए किसी व्यक्ति को रखा गया है तो उसे वेतन भी दिया जाता है.
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में भी कई लोग अपनी संपत्ति अपने पालतू जानवरों के नाम करना चाहते हैं. हालांकि, भारतीय कानून में इस बारे में साफ प्रावधान नहीं है. आप अपनी वसीयत में अपनी संपत्ति अपने पालतू जानवर के लिए किसी ट्रस्ट में डाल सकते हैं. साथ ही आप किसी एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट को अपनी संपत्ति दान कर सकते हैं और उन्हें निर्देश दे सकते हैं कि वो इस पैसे का उपयोग आपके पालतू जानवर की देखभाल के लिए करें.
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